नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम मोदी ने आज सोमवार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर कई केंद्रीय मंत्री और विपक्षी दलों के तमाम नेता भी उपस्थित रहे.
डॉ. अंबेडकर, जिन्हें 'बाबासाहेब' के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें 'भारतीय संविधान का जनक' भी माना जाता है. वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री भी थे.
President Droupadi Murmu paid floral tributes to Babasaheb Dr B.R. Ambedkar on his birth anniversary at Prerna Sthal, Samvidhan Sadan in New Delhi. pic.twitter.com/CriNFGl0EV
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 14, 2025
संसद परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, पीयूष गोयल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, लोकसभा नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए.
#WATCH दिल्ली: अंबेडकर जयंती के अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता और हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य नेता संसद परिसर स्थित… pic.twitter.com/mv0xnvXBqF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 14, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट, करते हुए कहा, "सभी देशवासियों की ओर से मैं भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. उनकी प्रेरणा से ही आज देश सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से लगा हुआ है. उनके सिद्धांत और आदर्श एक 'आत्मनिर्भर' और 'विकसित' भारत के निर्माण को शक्ति और गति देंगे."
सभी देशवासियों की ओर से भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। यह उन्हीं की प्रेरणा है कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से जुटा हुआ है। उनके सिद्धांत एवं आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने वाले हैं। pic.twitter.com/Qhshv4uK7M
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2025
उन्होंने यह भी कहा कि बाबासाहेब की प्रेरणा से ही आज देश सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने की दिशा में प्रयासरत है. प्रधानमंत्री मोदी आज अंबेडकर जयंती के अवसर पर कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए हरियाणा का दौरा भी करेंगे.
वहीं, राहुल गांधी ने भी पोस्ट करते हुए कहा, भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी को उनकी जयंती पर सादर नमन। देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए, हर भारतीय के समान अधिकारों के लिए, हर वर्ग की हिस्सेदारी के लिए उनका संघर्ष और योगदान, संविधान की रक्षा की लड़ाई में हमेशा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा.
भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी को उनकी जयंती पर सादर नमन।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 14, 2025
देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए, हर भारतीय के समान अधिकारों के लिए, हर वर्ग की हिस्सेदारी के लिए उनका संघर्ष और योगदान, संविधान की रक्षा की लड़ाई में हमेशा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। pic.twitter.com/CZMHwIRzDP
गृहमंत्री अमित शाह ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, शिक्षा, समानता और न्याय के बल पर सामाजिक क्रांति की नींव रखने वाले बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी आजीवन वंचितों के अधिकारों के लिए कटिबद्ध रहे. समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व पर आधारित संविधान की रचना कर उन्होंने भारत की महान लोकतांत्रिक विरासत को सुदृढ़ आधार प्रदान किया. न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज निर्माण की दिशा में बाबासाहेब के विचार आज भी हम सभी को प्रेरणा प्रदान करते हैं. उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूं."
शिक्षा, समानता और न्याय के बल पर सामाजिक क्रांति की नींव रखने वाले बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी आजीवन वंचितों के अधिकारों के लिए कटिबद्ध रहे। समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व पर आधारित संविधान की रचना कर उन्होंने भारत की महान लोकतांत्रिक विरासत को सुदृढ़ आधार प्रदान किया। न्यायपूर्ण और… pic.twitter.com/jRiFdatUEr
— Amit Shah (@AmitShah) April 14, 2025
बता दें कि, बाबासाहेब का जन्म मध्य प्रदेश के एक गरीब दलित महार परिवार में हुआ था. उन्होंने समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के समान अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया. वे 1927 से ही अस्पृश्यता के खिलाफ सक्रिय आंदोलनों का हिस्सा थे. बाद में, उनके अधिकारों के लिए उनके योगदान के लिए उन्हें 'दलित आइकन' के रूप में सम्मानित किया गया.
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