ETV Bharat / bharat

नक्सलियों का हर मददगार रडार पर, डॉक्टर से लेकर सप्लायर तक सब पर नजर - NAXAL HELPERS IN JHARKHAND

झारखंड से नक्सलियों का पूरी तरह सफाया करने के लिए पुलिस ने सभी नक्सल मददगारों को अपने रडार पर रखा है.

Naxal Helpers in Jharkhand
कॉन्सेप्ट इमेज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 11, 2025 at 4:07 PM IST

4 Min Read

रांची: झारखंड में नक्सलवाद की जड़ें खोखली हो चुकी हैं, झारखंड के नक्सलियों को पहले दूसरे राज्यों से जो मदद मिलती थी, वो भी लगभग शून्य हो गई है, ऐसे में झारखंड पुलिस अब नक्सलियों के सभी मददगारों को रडार पर रख रही है. जो लोग रडार पर हैं, उनमें अंडरग्राउंड वर्करों के साथ-साथ नक्सलियों का इलाज करने वाले डॉक्टर भी शामिल हैं.

हर तरह की मदद पर लगेगा ब्रेक

झारखंड के एक-दो इलाकों को छोड़ दें तो लगभग पूरे झारखंड से नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का वर्चस्व खत्म हो चुका है. बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ और बुलबुल जंगल जैसे बेहद अहम इलाकों से नक्सलियों को खदेड़ दिया गया है, लेकिन कोल्हान और झुमरा जैसी जगहों पर अभी भी नक्सलवाद पनप रहा है. लेकिन इन जगहों पर भी नक्सली सुरक्षित नहीं हैं.

अनुराग गुप्ता, डीजीपी, झारखंड पुलिस (ईटीवी भारत)

नक्सलियों का अक्सर सुरक्षा बलों से आमना-सामना हो रहा है, जिसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लेकिन अब झारखंड पुलिस अपने अभियान में तेजी ला रही है और उन सभी नक्सली समर्थकों की पहचान कर रही है, जिनकी वजह से नक्सली अभी भी जंगलों में टिके हुए हैं. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि नक्सलियों के किसी भी मददगार को बख्शा नहीं जाएगा. इसके लिए अलग से अभियान चलाया जा रहा है.

नक्सलियों के हर मददगार की सूची

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नक्सलियों के सफाए के लिए नो योर एनिमी अभियान भी शुरू किया गया है. इसके तहत नक्सलियों से जुड़ी हर तरह की जानकारी जुटाई जा रही है. मसलन, वे कहां खाते हैं, उन्हें कौन खाना देता है, घायल या बीमार होने पर कौन डॉक्टर उनका इलाज करता है. इसके साथ ही नक्सलियों के बड़े नेताओं के साथ हर छोटे कैडर की तस्वीरें भी जुटाई जा रही हैं. डीजीपी के मुताबिक, हमारी मंशा साफ है कि हमारे फोर्स का हर जवान नक्सलियों को अच्छी तरह पहचान ले ताकि एनकाउंटर या उनकी गिरफ्तारी में कोई बाधा न आए.

हर तरह से दी जा रही है दबिश

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि झारखंड में बचे हुए नक्सलियों को खत्म करने के लिए हम पूरी प्लानिंग के साथ काम कर रहे हैं. सबसे पहले हम जंगलों में इतने कैंप बना रहे हैं कि जंगल में हर जगह सिर्फ हमारे जवान ही नजर आएंगे. दूसरी बात हम हर अभियान को सटीक सूचना यानी इंटेलिजेंस के आधार पर चला रहे हैं, इसके लिए सटीक एरिया डोमिनेशन भी किया गया है.

नक्सलियों का राशन भी बंद

कोल्हान क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की राशन आपूर्ति लगभग बंद कर दी है. अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के न सिर्फ हथियार और गोला-बारूद जब्त किए हैं, बल्कि उनके कपड़े, वर्दी और अनाज भी जब्त किए हैं. यह कार्रवाई नक्सलियों पर काफी भारी साबित हो रही है. चाईबासा क्षेत्र के कुछ गांवों और इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है, ताकि नक्सलियों को किसी तरह की मदद न मिल सके.

इनमें गोइलकेरा थाना अंतर्गत कुईड़ा, छोटा कुईड़ा, मारादिरी, मेरालगाड़ा, हाथीबुरू, तिलायबेड़ा बोयपाईससांग, कटंबा, बायाहातु, बोरोय, लेमसाडीह गांव के सीमावर्ती इलाके और टोंटो थाना अंतर्गत हुसीपी, राजाबासा, तुम्बाहाका, रेगड़ा, पाटातोरब, गोबुरू और लुइया गांव के सीमावर्ती इलाके शामिल हैं.

कोल्हान में है नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व

फिलहाल झारखंड पुलिस का पूरा फोकस नक्सलियों के सफाए के लिए कोल्हान पर है. फिलहाल भाकपा माओवादियों का शीर्ष नेतृत्व ही कोल्हान के जंगलों में शरण लिए हुए है. झारखंड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोल्हान में नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगारिया, अश्विन अपने दस्ते के सदस्यों के साथ सारंडा और कोल्हान इलाके में विध्वंसकारी गतिविधियों के लिए भ्रमणशील हैं. इसी दस्ते को टारगेट कर ऑपरेशन डंप क्लीन भी शुरू किया गया है.

यह भी पढ़ें:

सारंडा में पुलिस का ऑपरेशन, जवानों ने ध्वस्त किये 5 नक्सली बंकर

नक्सल विरोधी अभियान में खुफिया सूचना को किया जाएगा मजबूत, अभियान में की जाएगी SAT की तैनाती

क्या लिखा है नक्सली के पर्चा और डायरी में, पुलिस के रडार पर कई लोग

रांची: झारखंड में नक्सलवाद की जड़ें खोखली हो चुकी हैं, झारखंड के नक्सलियों को पहले दूसरे राज्यों से जो मदद मिलती थी, वो भी लगभग शून्य हो गई है, ऐसे में झारखंड पुलिस अब नक्सलियों के सभी मददगारों को रडार पर रख रही है. जो लोग रडार पर हैं, उनमें अंडरग्राउंड वर्करों के साथ-साथ नक्सलियों का इलाज करने वाले डॉक्टर भी शामिल हैं.

हर तरह की मदद पर लगेगा ब्रेक

झारखंड के एक-दो इलाकों को छोड़ दें तो लगभग पूरे झारखंड से नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का वर्चस्व खत्म हो चुका है. बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ और बुलबुल जंगल जैसे बेहद अहम इलाकों से नक्सलियों को खदेड़ दिया गया है, लेकिन कोल्हान और झुमरा जैसी जगहों पर अभी भी नक्सलवाद पनप रहा है. लेकिन इन जगहों पर भी नक्सली सुरक्षित नहीं हैं.

अनुराग गुप्ता, डीजीपी, झारखंड पुलिस (ईटीवी भारत)

नक्सलियों का अक्सर सुरक्षा बलों से आमना-सामना हो रहा है, जिसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लेकिन अब झारखंड पुलिस अपने अभियान में तेजी ला रही है और उन सभी नक्सली समर्थकों की पहचान कर रही है, जिनकी वजह से नक्सली अभी भी जंगलों में टिके हुए हैं. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि नक्सलियों के किसी भी मददगार को बख्शा नहीं जाएगा. इसके लिए अलग से अभियान चलाया जा रहा है.

नक्सलियों के हर मददगार की सूची

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नक्सलियों के सफाए के लिए नो योर एनिमी अभियान भी शुरू किया गया है. इसके तहत नक्सलियों से जुड़ी हर तरह की जानकारी जुटाई जा रही है. मसलन, वे कहां खाते हैं, उन्हें कौन खाना देता है, घायल या बीमार होने पर कौन डॉक्टर उनका इलाज करता है. इसके साथ ही नक्सलियों के बड़े नेताओं के साथ हर छोटे कैडर की तस्वीरें भी जुटाई जा रही हैं. डीजीपी के मुताबिक, हमारी मंशा साफ है कि हमारे फोर्स का हर जवान नक्सलियों को अच्छी तरह पहचान ले ताकि एनकाउंटर या उनकी गिरफ्तारी में कोई बाधा न आए.

हर तरह से दी जा रही है दबिश

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि झारखंड में बचे हुए नक्सलियों को खत्म करने के लिए हम पूरी प्लानिंग के साथ काम कर रहे हैं. सबसे पहले हम जंगलों में इतने कैंप बना रहे हैं कि जंगल में हर जगह सिर्फ हमारे जवान ही नजर आएंगे. दूसरी बात हम हर अभियान को सटीक सूचना यानी इंटेलिजेंस के आधार पर चला रहे हैं, इसके लिए सटीक एरिया डोमिनेशन भी किया गया है.

नक्सलियों का राशन भी बंद

कोल्हान क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की राशन आपूर्ति लगभग बंद कर दी है. अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के न सिर्फ हथियार और गोला-बारूद जब्त किए हैं, बल्कि उनके कपड़े, वर्दी और अनाज भी जब्त किए हैं. यह कार्रवाई नक्सलियों पर काफी भारी साबित हो रही है. चाईबासा क्षेत्र के कुछ गांवों और इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है, ताकि नक्सलियों को किसी तरह की मदद न मिल सके.

इनमें गोइलकेरा थाना अंतर्गत कुईड़ा, छोटा कुईड़ा, मारादिरी, मेरालगाड़ा, हाथीबुरू, तिलायबेड़ा बोयपाईससांग, कटंबा, बायाहातु, बोरोय, लेमसाडीह गांव के सीमावर्ती इलाके और टोंटो थाना अंतर्गत हुसीपी, राजाबासा, तुम्बाहाका, रेगड़ा, पाटातोरब, गोबुरू और लुइया गांव के सीमावर्ती इलाके शामिल हैं.

कोल्हान में है नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व

फिलहाल झारखंड पुलिस का पूरा फोकस नक्सलियों के सफाए के लिए कोल्हान पर है. फिलहाल भाकपा माओवादियों का शीर्ष नेतृत्व ही कोल्हान के जंगलों में शरण लिए हुए है. झारखंड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोल्हान में नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगारिया, अश्विन अपने दस्ते के सदस्यों के साथ सारंडा और कोल्हान इलाके में विध्वंसकारी गतिविधियों के लिए भ्रमणशील हैं. इसी दस्ते को टारगेट कर ऑपरेशन डंप क्लीन भी शुरू किया गया है.

यह भी पढ़ें:

सारंडा में पुलिस का ऑपरेशन, जवानों ने ध्वस्त किये 5 नक्सली बंकर

नक्सल विरोधी अभियान में खुफिया सूचना को किया जाएगा मजबूत, अभियान में की जाएगी SAT की तैनाती

क्या लिखा है नक्सली के पर्चा और डायरी में, पुलिस के रडार पर कई लोग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.