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अक्षय तृतीया पर सस्ता हो सकता है सोना! लेकिन शुद्धता सुनिश्चित करना होगा जरूरी...ये है कारण - AKSHAYA TRITIYA GOLD PRICES

अक्षय तृतीया कल है, लेकिन सोने की ऊंची कीमतें और वैश्विक कारकों के कारण इस बार सोने की मांग कम रहने की संभावना है.

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सांकेतिक तस्वीर (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 29, 2025 at 8:05 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: अक्षय तृतीया का त्योहार, जो हिंदू धर्म में समृद्धि और नए शुभारंभ का प्रतीक है, इस साल 30 अप्रैल को मनाया जाएगा. यह त्योहार विशेष रूप से सोने की खरीदारी से जुड़ा होता है, क्योंकि इसे 'सोने का त्योहार' माना जाता है. लेकिन इस बार, ऊंची कीमतों और वैश्विक कारकों के कारण मांग में कमी आने की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि व्यापार युद्ध के तनाव में कमी से सोने की कीमतें और नरमी पा सकती हैं, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे शुद्ध और प्रमाणित सोना खरीदें. आइए, इस लेख में हम अक्षय तृतीया पर सोने की बाजार की स्थिति, कीमतों में उतार-चढ़ाव और शुद्धता जांच के महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हैं.

सोने की कीमतों में गिरावट
हाल के दिनों में सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई है, जो अक्षय तृतीया पर खरीदारी को प्रभावित कर सकती है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर, शाम 5 बजे सोना 95,429 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा था, जिसमें करीब 0.62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट पिछले एक हफ्ते में और भी ज्यादा स्पष्ट है, जहां कीमतों में करीब 5,000 रुपये की कमी आई है.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी हेड अनुज गुप्ता ने ईटीवी भारत को विशेष रूप से बताया, "इस साल अक्षय तृतीया पर सोने की कीमतों के साथ-साथ मांग भी धीमी रहने की संभावना है. व्यापार युद्ध के तनाव के कारण कीमतें पहले से ही बहुत ऊंची थीं, लेकिन अब ये थोड़ी कम हो रही हैं. यह चलन आने वाले कुछ महीनों तक जारी रह सकता है. सोना, जो आमतौर पर सुरक्षित निवेश माना जाता है, अब निवेशकों के लिए कम आकर्षक लग रहा है क्योंकि अन्य संपत्तियों में रिटर्न बेहतर हो रहा है.

मांग में कमी: ऊंची कीमतों का असर
अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी का रिवाज सदियों पुराना है, लेकिन इस बार कीमतों की ऊंचाई उपभोक्ताओं को परेशान कर रही है. जानकारों का अनुमान है कि महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता के कारण लोग सोने की खरीदारी को टाल सकते हैं. अनुज गुप्ता ने आगे कहा, "साल की शुरुआत में कीमतों में तेजी आई थी, जिससे उपभोक्ताओं ने इंतजार किया। अब कीमतें कम हो रही हैं, लेकिन उत्साह उतना नहीं है जितना पहले होता था."

2015 से 2025 तक सोने की किमत
2015 से 2025 तक सोने की किमत (ETV Bharat)

इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर चीन जैसे बड़े बाजारों में सोने की खपत में गिरावट ने भी भारत की मांग को प्रभावित किया है. चाइना गोल्ड एसोसिएशन (CGA) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में चीन में सोने की कुल खपत में 5.96 फीसदी की कमी आई है, जो 290.49 टन रही. इसमें आभूषणों की मांग 26.85 फीसदी घटकर 134.53 टन हो गई, जबकि सोने की छड़ों और सिक्कों की खपत 29.81 फीसदी कम होकर 138.02 टन रही. औद्योगिक उपयोग के लिए सोने की खपत में भी 3.84 फीसदी की गिरावट देखी गई, जो 17.94 टन पर आ गई. हालांकि, चीन में सोने का उत्पादन 1.49 फीसदी बढ़कर 87.24 टन हो गया है, लेकिन मांग में कमी से वैश्विक कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। यह स्थिति भारत जैसे देशों में सोने की मांग को और धीमा कर सकती है

शुद्धता सुनिश्चित करना: जीवनभर के निवेश के लिए जरूरी
सोने की खरीदारी में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है उसकी शुद्धता, खासकर जब यह एक लंबी अवधि का निवेश होता है. ऊंची कीमतों के दौर में, नकली या कम शुद्धता वाले सोने की बिक्री बढ़ सकती है, इसलिए उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है. एक अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "खरीदारों को हमेशा सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क की जांच करनी चाहिए, ताकि प्रामाणिकता सुनिश्चित हो सके.

गुणवत्ता जांच वैज्ञानिक और उप महानिदेशक हॉलमार्किंग सुश्री चित्रा गुप्ता ने ईटीवी भारत को विशेष रूप से बताया, इस अक्षय तृतीया पर, जब लोग समृद्धि और परंपरा के लिए सोना खरीदते हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि खरीदी गई वस्तु की शुद्धता इसे जीवनभर के निवेश में बदल दे. बीआईएस हॉलमार्क वाला सोना भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से आश्वासन का प्रतीक है.

सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क में तीन मुख्य निशान होते हैं

  • बीआईएस लोगो: जो भारतीय मानक ब्यूरो की मुहर है.
  • कैरेट और शुद्धता का संकेत: जैसे 22K (916) या 18K (750), जो सोने की शुद्धता को दर्शाता है.
  • छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक HUID नंबर: जो हर आभूषण को अनोखा बनाता है और उसकी ट्रैकिंग की अनुमति देता है.

भारतीय मानक के अनुसार, IS 1417:2016 में सोने के आभूषणों के लिए छह कैरेट की हॉलमार्किंग अनुमति दी गई है: 14K (585), 18K (750), 20K (833), 22K (916), 23K (958) और 24K (995). देश के 361 जिलों में सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य है, और इन जिलों की सूची बीआईएस वेबसाइट और बीआईएस केयर मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है. सुश्री गुप्ता ने सलाह दी, खरीद से पहले, बीआईएस केयर ऐप के 'वेरिफाई HUID' फीचर का उपयोग करें. इससे आप HUID नंबर से आभूषण की शुद्धता सत्यापित कर सकते हैं.

यदि कोई हॉलमार्क वाला आभूषण जांच में अंकित शुद्धता से कम पाया जाता है, तो खरीदार को मुआवजा मिलेगा. गुप्ता के अनुसार, मुआवजा शुद्धता की कमी और परीक्षण शुल्क के आधार पर गणना की गई अंतर राशि का दोगुना होगा. यह प्रावधान उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करता है और नकली सोने की बिक्री को हतोत्साहित करता है.

यह भी पढ़ें- शेयर बाजार का जोश हुआ धीमा...सपाट पर बंद, जानें आज के टॉप गेनर्स और लूजर्स

नई दिल्ली: अक्षय तृतीया का त्योहार, जो हिंदू धर्म में समृद्धि और नए शुभारंभ का प्रतीक है, इस साल 30 अप्रैल को मनाया जाएगा. यह त्योहार विशेष रूप से सोने की खरीदारी से जुड़ा होता है, क्योंकि इसे 'सोने का त्योहार' माना जाता है. लेकिन इस बार, ऊंची कीमतों और वैश्विक कारकों के कारण मांग में कमी आने की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि व्यापार युद्ध के तनाव में कमी से सोने की कीमतें और नरमी पा सकती हैं, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे शुद्ध और प्रमाणित सोना खरीदें. आइए, इस लेख में हम अक्षय तृतीया पर सोने की बाजार की स्थिति, कीमतों में उतार-चढ़ाव और शुद्धता जांच के महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हैं.

सोने की कीमतों में गिरावट
हाल के दिनों में सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई है, जो अक्षय तृतीया पर खरीदारी को प्रभावित कर सकती है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर, शाम 5 बजे सोना 95,429 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा था, जिसमें करीब 0.62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट पिछले एक हफ्ते में और भी ज्यादा स्पष्ट है, जहां कीमतों में करीब 5,000 रुपये की कमी आई है.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी हेड अनुज गुप्ता ने ईटीवी भारत को विशेष रूप से बताया, "इस साल अक्षय तृतीया पर सोने की कीमतों के साथ-साथ मांग भी धीमी रहने की संभावना है. व्यापार युद्ध के तनाव के कारण कीमतें पहले से ही बहुत ऊंची थीं, लेकिन अब ये थोड़ी कम हो रही हैं. यह चलन आने वाले कुछ महीनों तक जारी रह सकता है. सोना, जो आमतौर पर सुरक्षित निवेश माना जाता है, अब निवेशकों के लिए कम आकर्षक लग रहा है क्योंकि अन्य संपत्तियों में रिटर्न बेहतर हो रहा है.

मांग में कमी: ऊंची कीमतों का असर
अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी का रिवाज सदियों पुराना है, लेकिन इस बार कीमतों की ऊंचाई उपभोक्ताओं को परेशान कर रही है. जानकारों का अनुमान है कि महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता के कारण लोग सोने की खरीदारी को टाल सकते हैं. अनुज गुप्ता ने आगे कहा, "साल की शुरुआत में कीमतों में तेजी आई थी, जिससे उपभोक्ताओं ने इंतजार किया। अब कीमतें कम हो रही हैं, लेकिन उत्साह उतना नहीं है जितना पहले होता था."

2015 से 2025 तक सोने की किमत
2015 से 2025 तक सोने की किमत (ETV Bharat)

इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर चीन जैसे बड़े बाजारों में सोने की खपत में गिरावट ने भी भारत की मांग को प्रभावित किया है. चाइना गोल्ड एसोसिएशन (CGA) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में चीन में सोने की कुल खपत में 5.96 फीसदी की कमी आई है, जो 290.49 टन रही. इसमें आभूषणों की मांग 26.85 फीसदी घटकर 134.53 टन हो गई, जबकि सोने की छड़ों और सिक्कों की खपत 29.81 फीसदी कम होकर 138.02 टन रही. औद्योगिक उपयोग के लिए सोने की खपत में भी 3.84 फीसदी की गिरावट देखी गई, जो 17.94 टन पर आ गई. हालांकि, चीन में सोने का उत्पादन 1.49 फीसदी बढ़कर 87.24 टन हो गया है, लेकिन मांग में कमी से वैश्विक कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। यह स्थिति भारत जैसे देशों में सोने की मांग को और धीमा कर सकती है

शुद्धता सुनिश्चित करना: जीवनभर के निवेश के लिए जरूरी
सोने की खरीदारी में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है उसकी शुद्धता, खासकर जब यह एक लंबी अवधि का निवेश होता है. ऊंची कीमतों के दौर में, नकली या कम शुद्धता वाले सोने की बिक्री बढ़ सकती है, इसलिए उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है. एक अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "खरीदारों को हमेशा सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क की जांच करनी चाहिए, ताकि प्रामाणिकता सुनिश्चित हो सके.

गुणवत्ता जांच वैज्ञानिक और उप महानिदेशक हॉलमार्किंग सुश्री चित्रा गुप्ता ने ईटीवी भारत को विशेष रूप से बताया, इस अक्षय तृतीया पर, जब लोग समृद्धि और परंपरा के लिए सोना खरीदते हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि खरीदी गई वस्तु की शुद्धता इसे जीवनभर के निवेश में बदल दे. बीआईएस हॉलमार्क वाला सोना भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से आश्वासन का प्रतीक है.

सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क में तीन मुख्य निशान होते हैं

  • बीआईएस लोगो: जो भारतीय मानक ब्यूरो की मुहर है.
  • कैरेट और शुद्धता का संकेत: जैसे 22K (916) या 18K (750), जो सोने की शुद्धता को दर्शाता है.
  • छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक HUID नंबर: जो हर आभूषण को अनोखा बनाता है और उसकी ट्रैकिंग की अनुमति देता है.

भारतीय मानक के अनुसार, IS 1417:2016 में सोने के आभूषणों के लिए छह कैरेट की हॉलमार्किंग अनुमति दी गई है: 14K (585), 18K (750), 20K (833), 22K (916), 23K (958) और 24K (995). देश के 361 जिलों में सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य है, और इन जिलों की सूची बीआईएस वेबसाइट और बीआईएस केयर मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है. सुश्री गुप्ता ने सलाह दी, खरीद से पहले, बीआईएस केयर ऐप के 'वेरिफाई HUID' फीचर का उपयोग करें. इससे आप HUID नंबर से आभूषण की शुद्धता सत्यापित कर सकते हैं.

यदि कोई हॉलमार्क वाला आभूषण जांच में अंकित शुद्धता से कम पाया जाता है, तो खरीदार को मुआवजा मिलेगा. गुप्ता के अनुसार, मुआवजा शुद्धता की कमी और परीक्षण शुल्क के आधार पर गणना की गई अंतर राशि का दोगुना होगा. यह प्रावधान उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करता है और नकली सोने की बिक्री को हतोत्साहित करता है.

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