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एअर इंडिया प्लेन क्रैश: विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, क्या होता है यह... जांच में कितना उपयोगी, जानें - WHAT IS BLACK BOX

अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान का एक ब्लैक बॉक्स मिल गया है. आइए जानते हैं ब्लैक बॉक्स क्या होता है.

Air India Ahmedabad plane crash What is black box helpful in investigation
एअर इंडिया प्लेन क्रैश: विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, क्या होता है यह... जांच में कितना उपयोगी, जानें (AFP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : June 13, 2025 at 4:00 PM IST

3 Min Read

अहमदाबाद: 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के दो ब्लैक बॉक्स में से एक मिल गया है, इससे विमान हादसे की वजह का पता लगाने में मदद मिलेगी, जिसमें 241 लोग मारे गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विमान के पिछले हिस्से में ब्लैक बॉक्स मिला और उसे सुरक्षित तरीके से रख दिया गया है. गुजरात एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि हमने विमान के मलबे से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) बरामद किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के अगले हिस्से में लगा ब्लैक बॉक्स अभी तक नहीं मिला है.

विमान दुर्घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड हुई जानकारी काफी अहम मानी जाती है. आइए जानते हैं ब्लैक बॉक्स क्या होता है और यह कैसे काम करता है.

ब्लैक बॉक्स क्या है?
विमान के एक कोने में रखे छोटे से बॉक्स को ब्लैक बॉक्स कहा जाता है. यह एक छोटी मशीन होती है जो उड़ान के दौरान विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करती है. ब्लैक बॉक्स मुख्य रूप से फ्लाइट रिकॉर्डर है. इसमें दो उपकरण होते हैं - कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर). सीवीआर रेडियो प्रसारण और पायलट की आवाज और इंजन की आवाज जैसी आवाजें रिकॉर्ड करता है. इसके जरिये जांच अधिकारी इंजन की गति और अन्य सिस्टम में खामी का पता लगा सकते हैं.

ब्लैक बॉक्स स्टील या टाइटेनियम जैसे मजबूत पदार्थों से बना होता है. यह भीषण आग में भी सुरक्षित रहता है. ब्लैक बॉक्स को विमान के पिछले हिस्से की ओर रखा जाता है, जहां दुर्घटना का प्रभाव आमतौर पर सबसे कम होता है. यह नारंगी या पीले रंग का आयताकार बॉक्स विस्फोट, आग, पानी के दबाव और तेज गति से होने वाली दुर्घटनाओं को झेल सकता है.

जांच में कैसे मदद करता है ब्लैक बॉक्स?
विमान में लगे दोनों ब्लैक बॉक्स- CVR और FDR उड़ान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करते हैं. इससे विमान दुर्घटना को फिर से रोकने में मदद मिलती है. CVR रेडियो प्रसारण और कॉकपिट में अन्य आवाज को रिकॉर्ड करता है, जिसमें पायलटों के बीच बातचीत और इंजन की ध्वनि शामिल हैं. जबकि एफडीआर जहाज से संबंधित 80 से अधिक विभिन्न प्रकार की जानकारी रिकॉर्ड करता है, जैसे ऊंचाई, हवा की गति, उड़ान की दिशा, ऑटोपायलट स्थिति आदि.

ब्लैक बॉक्स का आविष्कार
ब्लैक बॉक्स का आविष्कार 1950 के दशक में हुआ था. ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन ने 1953 में दुनिया के पहले वाणिज्यिक जेट एयरलाइनर कॉमेट की दुर्घटना की जांच कर रहे थे. उस समय उन्हें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बनाने का विचार आया. उनका मानना था कि कॉकपिट में आवाज की रिकॉर्डिंग विमान दुर्घटना की जांच में मददगार होगी. वॉरेन ने 1956 में एक प्रोटोटाइप डिजाइन बनाया. लेकिन अधिकारियों को यह समझने में कई साल लग गए कि यह डिवाइस कितनी मूल्यवान हो सकती है और उन्हें दुनिया भर में वाणिज्यिक एयरलाइनों में लगाना शुरू किया.

एअर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट ने 12 जून की दोपहर 1.39 बजे उड़ान भरी और एक मिनट के भीतर यह विमान 625 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया. विमान ने उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को MAYDAY कॉल किया. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के एक बयान के अनुसार, इसके बाद ATC द्वारा विमान को किए गए कॉल का जवाब नहीं दिया गया.

यह भी पढ़ें- अहमदाबाद एअर इंडिया के विमान क्रैश होने से पहले भी भारत में हुए हैं कई भीषण प्लेन हादसे

अहमदाबाद: 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के दो ब्लैक बॉक्स में से एक मिल गया है, इससे विमान हादसे की वजह का पता लगाने में मदद मिलेगी, जिसमें 241 लोग मारे गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विमान के पिछले हिस्से में ब्लैक बॉक्स मिला और उसे सुरक्षित तरीके से रख दिया गया है. गुजरात एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि हमने विमान के मलबे से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) बरामद किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के अगले हिस्से में लगा ब्लैक बॉक्स अभी तक नहीं मिला है.

विमान दुर्घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड हुई जानकारी काफी अहम मानी जाती है. आइए जानते हैं ब्लैक बॉक्स क्या होता है और यह कैसे काम करता है.

ब्लैक बॉक्स क्या है?
विमान के एक कोने में रखे छोटे से बॉक्स को ब्लैक बॉक्स कहा जाता है. यह एक छोटी मशीन होती है जो उड़ान के दौरान विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करती है. ब्लैक बॉक्स मुख्य रूप से फ्लाइट रिकॉर्डर है. इसमें दो उपकरण होते हैं - कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर). सीवीआर रेडियो प्रसारण और पायलट की आवाज और इंजन की आवाज जैसी आवाजें रिकॉर्ड करता है. इसके जरिये जांच अधिकारी इंजन की गति और अन्य सिस्टम में खामी का पता लगा सकते हैं.

ब्लैक बॉक्स स्टील या टाइटेनियम जैसे मजबूत पदार्थों से बना होता है. यह भीषण आग में भी सुरक्षित रहता है. ब्लैक बॉक्स को विमान के पिछले हिस्से की ओर रखा जाता है, जहां दुर्घटना का प्रभाव आमतौर पर सबसे कम होता है. यह नारंगी या पीले रंग का आयताकार बॉक्स विस्फोट, आग, पानी के दबाव और तेज गति से होने वाली दुर्घटनाओं को झेल सकता है.

जांच में कैसे मदद करता है ब्लैक बॉक्स?
विमान में लगे दोनों ब्लैक बॉक्स- CVR और FDR उड़ान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करते हैं. इससे विमान दुर्घटना को फिर से रोकने में मदद मिलती है. CVR रेडियो प्रसारण और कॉकपिट में अन्य आवाज को रिकॉर्ड करता है, जिसमें पायलटों के बीच बातचीत और इंजन की ध्वनि शामिल हैं. जबकि एफडीआर जहाज से संबंधित 80 से अधिक विभिन्न प्रकार की जानकारी रिकॉर्ड करता है, जैसे ऊंचाई, हवा की गति, उड़ान की दिशा, ऑटोपायलट स्थिति आदि.

ब्लैक बॉक्स का आविष्कार
ब्लैक बॉक्स का आविष्कार 1950 के दशक में हुआ था. ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन ने 1953 में दुनिया के पहले वाणिज्यिक जेट एयरलाइनर कॉमेट की दुर्घटना की जांच कर रहे थे. उस समय उन्हें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बनाने का विचार आया. उनका मानना था कि कॉकपिट में आवाज की रिकॉर्डिंग विमान दुर्घटना की जांच में मददगार होगी. वॉरेन ने 1956 में एक प्रोटोटाइप डिजाइन बनाया. लेकिन अधिकारियों को यह समझने में कई साल लग गए कि यह डिवाइस कितनी मूल्यवान हो सकती है और उन्हें दुनिया भर में वाणिज्यिक एयरलाइनों में लगाना शुरू किया.

एअर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट ने 12 जून की दोपहर 1.39 बजे उड़ान भरी और एक मिनट के भीतर यह विमान 625 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया. विमान ने उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को MAYDAY कॉल किया. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के एक बयान के अनुसार, इसके बाद ATC द्वारा विमान को किए गए कॉल का जवाब नहीं दिया गया.

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