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हैदराबाद में वक्फ एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा AIMPLB, ओवैसी ने किया समर्थन, BJP पर लगाया आरोप - WAQF ACT

असदुद्दीन ओवैसी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और अन्य मुस्लिम संगठन इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे.

OWAISI
असदुद्दीन ओवैसी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 13, 2025 at 5:33 PM IST

3 Min Read

हैदराबाद: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 19 अप्रैल को यहां एक विरोध बैठक आयोजित करेगा. ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को यह जानकारी दी. ओवैसी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह बैठक AIMPLB अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी के नेतृत्व में शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक दारुस्सलाम (AIMIM) के मुख्यालय) में होगी.

हैदराबाद के सांसद ने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और दोनों राज्यों के अन्य मुस्लिम संगठन इस विरोध बैठक में हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा कि वे भाषण देंगे और जनता को बताएंगे कि कैसे वक्फ (संशोधन) अधिनियम वक्फ के पक्ष में नहीं है.

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि वे संसद वक्फ समिति के सदस्यों से भी बात करने की कोशिश कर रहे हैं और अगर उनका कार्यक्रम अनुमति देता है, तो वे भी इस सार्वजनिक बैठक में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांच अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे हाल ही में संसद द्वारा पारित किया गया था.

'यह अधिनियम मुसलमानों के पक्ष में नहीं'
ओवैसी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाया गया वक्फ (संशोधन) अधिनियम असंवैधानिक है और यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25, 26 और 29 सहित कई प्रावधानों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम मुसलमानों के पक्ष में नहीं है.

'देश पर अपनी विचारधारा थोप रहे हैं'
AIMIM अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से इस अधिनियम पर पुनर्विचार करने की अपील की. ओवैसी ने कहा, "आप (पीएम मोदी) यह कानून बना रहे हैं जो भारत के संविधान के खिलाफ है और आप देश पर अपनी विचारधारा थोप रहे हैं. आपकी विचारधारा भारतीय राष्ट्रवाद और संविधान होनी चाहिए."

बीजेपी पर झूठ फैलाने का लगाया आरोप
उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर यह कहकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया कि कोई भी व्यक्ति वक्फ न्यायाधिकरण के फैसले को अदालतों में चुनौती नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि आयकर न्यायाधिकरण, एनजीटी और रेलवे दावा न्यायाधिकरण सहित कई न्यायाधिकरण हैं और इनके फैसलों के खिलाफ उच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि एनडीए के सहयोगी दलों- एन चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), नीतीश कुमार (जेडी-यू), चिराग पासवान (एलजेपी-रामविलास) और जयंत चौधरी (आरएलडी) और अन्य के समर्थन से भाजपा ने यह काला कानून बनाया है.

AIMPLB के फैसले का समर्थन
उन्होंने (अधिनियम के) उन प्रावधानों को जानना चाहा जो वक्फ बोर्ड और मुसलमानों को लाभ पहुंचाते हैं, उन्होंने कहा कि यह सब उनकी संपत्ति छीनने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संशोधनों के माध्यम से वक्फ को नष्ट करने के सभी प्रयास किए गए हैं.

ओवैसी ने कहा, "हम इसका विरोध कर रहे हैं. हम AIMPLB के फैसले का समर्थन करते हैं कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करेगा. हम अपील करते हैं कि जहां भी विरोध प्रदर्शन हो, उन्हें सफल बनाएं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए."

यह भी पढ़ें- मुर्शिदाबाद हिंसा: समसेरगंज और धुलियान में अर्धसैनिक बलों ने किया रूट मार्च, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण

हैदराबाद: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 19 अप्रैल को यहां एक विरोध बैठक आयोजित करेगा. ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को यह जानकारी दी. ओवैसी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह बैठक AIMPLB अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी के नेतृत्व में शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक दारुस्सलाम (AIMIM) के मुख्यालय) में होगी.

हैदराबाद के सांसद ने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और दोनों राज्यों के अन्य मुस्लिम संगठन इस विरोध बैठक में हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा कि वे भाषण देंगे और जनता को बताएंगे कि कैसे वक्फ (संशोधन) अधिनियम वक्फ के पक्ष में नहीं है.

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि वे संसद वक्फ समिति के सदस्यों से भी बात करने की कोशिश कर रहे हैं और अगर उनका कार्यक्रम अनुमति देता है, तो वे भी इस सार्वजनिक बैठक में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांच अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे हाल ही में संसद द्वारा पारित किया गया था.

'यह अधिनियम मुसलमानों के पक्ष में नहीं'
ओवैसी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाया गया वक्फ (संशोधन) अधिनियम असंवैधानिक है और यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25, 26 और 29 सहित कई प्रावधानों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम मुसलमानों के पक्ष में नहीं है.

'देश पर अपनी विचारधारा थोप रहे हैं'
AIMIM अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से इस अधिनियम पर पुनर्विचार करने की अपील की. ओवैसी ने कहा, "आप (पीएम मोदी) यह कानून बना रहे हैं जो भारत के संविधान के खिलाफ है और आप देश पर अपनी विचारधारा थोप रहे हैं. आपकी विचारधारा भारतीय राष्ट्रवाद और संविधान होनी चाहिए."

बीजेपी पर झूठ फैलाने का लगाया आरोप
उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर यह कहकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया कि कोई भी व्यक्ति वक्फ न्यायाधिकरण के फैसले को अदालतों में चुनौती नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि आयकर न्यायाधिकरण, एनजीटी और रेलवे दावा न्यायाधिकरण सहित कई न्यायाधिकरण हैं और इनके फैसलों के खिलाफ उच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि एनडीए के सहयोगी दलों- एन चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), नीतीश कुमार (जेडी-यू), चिराग पासवान (एलजेपी-रामविलास) और जयंत चौधरी (आरएलडी) और अन्य के समर्थन से भाजपा ने यह काला कानून बनाया है.

AIMPLB के फैसले का समर्थन
उन्होंने (अधिनियम के) उन प्रावधानों को जानना चाहा जो वक्फ बोर्ड और मुसलमानों को लाभ पहुंचाते हैं, उन्होंने कहा कि यह सब उनकी संपत्ति छीनने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संशोधनों के माध्यम से वक्फ को नष्ट करने के सभी प्रयास किए गए हैं.

ओवैसी ने कहा, "हम इसका विरोध कर रहे हैं. हम AIMPLB के फैसले का समर्थन करते हैं कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करेगा. हम अपील करते हैं कि जहां भी विरोध प्रदर्शन हो, उन्हें सफल बनाएं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए."

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