ETV Bharat / bharat

कन्हैया और पप्पू यादव को तरजीह देने से नाराज हैं अखिलेश सिंह? कांग्रेस की समीक्षा बैठक स्थगित - INFIGHTING IN CONGRESS

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की समीक्षा बैठक आज होने वाली थी. बिहार चुनाव तैयारी की समीक्षा होनी थी. अब इसे रद्द कर दिया गया.

AICC review meeting cancelled
राहुल गांधी. (फाइल फोटो) (ANI)
author img

By Amit Agnihotri

Published : March 12, 2025 at 3:23 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: बिहार में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेवारी नए एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु को दी गयी. अल्लावरु ने पार्टी को मजबूत करने की कवायद शुरू की. 12 मार्च को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की समीक्षा बैठक होने वाली थी. अब, यह सूचना आयी है कि बैठक रद्द कर दी गयी है. पार्टी के अनुसार, 14 मार्च को होली के कारण बैठक टाली गई है. लेकिन, राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा चल रही है कि इसकी असली वजह केंद्र और राज्य नेताओं के बीच मतभेद है.

कब होगी बैठकः राजनीतिक गलियारे से जो खबर आ रही है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को उनके काम करने का तरीका पसंद नहीं आ रहा है. दोनों नेताओं के बीच मतभेद शुरू हो गयी है. राज्य इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह के बीच कथित मतभेदों की चिंताओं के बीच स्थगित की गयी है. राजनीतिक सूत्रों के अनुसार और जिम्मेदारों से फीडबैक मिलने के बाद त्योहार के बाद बैठक आयोजित की जा सकती है.

AICC review meeting cancelled
एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

पार्टी मजबूत करना चाहते हैं राहुलः एआईसीसी के एक पदाधिकारी ने कहा, "आज की बैठक रद्द कर दी गई है. बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी, लेकिन अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है." बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे वरिष्ठ नेताओं के साथ बिहार में कांग्रेस की रणनीति की समीक्षा करने वाले थे, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. राहुल कांग्रेस को आगामी चुनाव में एक मजबूत पार्टी के रूप में पेश करना चाहते हैं, ताकि बिहार में सीट बंटवारे में मजबूती से दावा ठोक सके.

क्या है कांग्रेस की रणनीतिः इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, कांग्रेस ने राज्य एआईसीसी के दो नेताओं एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार और पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सांसद पप्पू यादव को आगे करने का फैसला किया था. इन दोनों ही नेताओं को कांग्रेस के सहयोगी दल राजद पसंद नहीं करता है. कन्हैया कुमार बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के इच्छुक थे, लेकिन आरजेडी को नाराज़ न करने की कोशिश में कांग्रेस ने उन्हें रोक लिया था. पप्पू यादव की भी यही कहानी है. आरजेडी में शामिल होने से इनकार कर दिया था. बाद में 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.

AICC review meeting cancelled
पटना में प्रेस कांफ्रेंस करते कन्हैया और कृष्णा अल्लावरु. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

बिहार में कन्हैया की इंट्रीः काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि कन्हैया कुमार 16 मार्च से बिहार में युवा मतदाताओं को संगठित करने के लिए युवाओं के लिए रोजगार की मांग को लेकर कांग्रेस की यात्रा का नेतृत्व करेंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पूरी राज्य इकाई से कन्हैया को पूरा समर्थन देने के लिए कहा गया था. लेकिन, राज्य इकाई के प्रमुख अखिलेश सिंह इस योजना में शामिल नहीं थे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पप्पू यादव के लिए एक प्रमुख अभियान भूमिका भी तय की गई थी.

पूर्व राज्य इकाई प्रमुख कौकब कादरी ने ईटीवी भारत से कहा, "नौकरी की मांग को लेकर युवा यात्रा एक अच्छी पहल है. यह निश्चित रूप से पार्टी को युवाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दे को आगे बढ़ाने में मदद करेगी. हमें जल्द ही बैठक में भाग लेने की उम्मीद है."

क्यों नाराज हैं अखिलेश सिंहः वहीं, आरजेडी नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध रखने वाले राज्य इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह नए प्रभारी की कार्यशैली से परेशान थे. उन्होंने हाईकमान को चेतावनी दी थी कि रमजान के महीने में जब मुसलमान दिन में उपवास करते हैं, तब यात्रा न निकाली जाए. सिंह ने यह भी कहा था कि पुरानी पार्टी का आक्रामक रुख विपक्षी गठबंधन में अनावश्यक तनाव पैदा कर सकता है, जिसे सत्तारूढ़ जेडीयू-बीजेपी गठबंधन से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

AICC review meeting cancelled
पटना में बैठक करते कांग्रेस नेता. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

बिहार प्रभारी अल्लावरु ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस राज्य में बी टीम नहीं बनेगी बल्कि जनता की ए टीम के रूप में काम करेगी. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह पुरानी पार्टी के भीतर दरार दिखाने का अच्छा समय नहीं है. इसके बजाय हम सभी को जेडी-यू और बीजेपी को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. नए प्रभारी को स्थानीय टीमों को अपनी रणनीति बतानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे लागू किया जाए."

इसे भी पढ़ेंः

  1. इसबार कांग्रेस किसे देगी टिकट? कृष्णा अल्लावरु बोले- 'सदाकत आश्रम का चक्कर लगाने से कोई फायदा नहीं'
  2. बिहार कांग्रेस प्रभारी का सख्त लहजा- 'रेस में दौड़ने वालों पर दांव लगाएंगे, गुटबाजी की तो बाहर जाएंगे'
  3. कौन हैं कृष्णा अल्लावरु? जिनको बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी ने बनाया प्रदेश प्रभारी

नई दिल्ली: बिहार में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेवारी नए एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु को दी गयी. अल्लावरु ने पार्टी को मजबूत करने की कवायद शुरू की. 12 मार्च को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की समीक्षा बैठक होने वाली थी. अब, यह सूचना आयी है कि बैठक रद्द कर दी गयी है. पार्टी के अनुसार, 14 मार्च को होली के कारण बैठक टाली गई है. लेकिन, राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा चल रही है कि इसकी असली वजह केंद्र और राज्य नेताओं के बीच मतभेद है.

कब होगी बैठकः राजनीतिक गलियारे से जो खबर आ रही है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को उनके काम करने का तरीका पसंद नहीं आ रहा है. दोनों नेताओं के बीच मतभेद शुरू हो गयी है. राज्य इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह के बीच कथित मतभेदों की चिंताओं के बीच स्थगित की गयी है. राजनीतिक सूत्रों के अनुसार और जिम्मेदारों से फीडबैक मिलने के बाद त्योहार के बाद बैठक आयोजित की जा सकती है.

AICC review meeting cancelled
एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

पार्टी मजबूत करना चाहते हैं राहुलः एआईसीसी के एक पदाधिकारी ने कहा, "आज की बैठक रद्द कर दी गई है. बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी, लेकिन अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है." बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे वरिष्ठ नेताओं के साथ बिहार में कांग्रेस की रणनीति की समीक्षा करने वाले थे, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. राहुल कांग्रेस को आगामी चुनाव में एक मजबूत पार्टी के रूप में पेश करना चाहते हैं, ताकि बिहार में सीट बंटवारे में मजबूती से दावा ठोक सके.

क्या है कांग्रेस की रणनीतिः इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, कांग्रेस ने राज्य एआईसीसी के दो नेताओं एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार और पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सांसद पप्पू यादव को आगे करने का फैसला किया था. इन दोनों ही नेताओं को कांग्रेस के सहयोगी दल राजद पसंद नहीं करता है. कन्हैया कुमार बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के इच्छुक थे, लेकिन आरजेडी को नाराज़ न करने की कोशिश में कांग्रेस ने उन्हें रोक लिया था. पप्पू यादव की भी यही कहानी है. आरजेडी में शामिल होने से इनकार कर दिया था. बाद में 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.

AICC review meeting cancelled
पटना में प्रेस कांफ्रेंस करते कन्हैया और कृष्णा अल्लावरु. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

बिहार में कन्हैया की इंट्रीः काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि कन्हैया कुमार 16 मार्च से बिहार में युवा मतदाताओं को संगठित करने के लिए युवाओं के लिए रोजगार की मांग को लेकर कांग्रेस की यात्रा का नेतृत्व करेंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पूरी राज्य इकाई से कन्हैया को पूरा समर्थन देने के लिए कहा गया था. लेकिन, राज्य इकाई के प्रमुख अखिलेश सिंह इस योजना में शामिल नहीं थे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पप्पू यादव के लिए एक प्रमुख अभियान भूमिका भी तय की गई थी.

पूर्व राज्य इकाई प्रमुख कौकब कादरी ने ईटीवी भारत से कहा, "नौकरी की मांग को लेकर युवा यात्रा एक अच्छी पहल है. यह निश्चित रूप से पार्टी को युवाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दे को आगे बढ़ाने में मदद करेगी. हमें जल्द ही बैठक में भाग लेने की उम्मीद है."

क्यों नाराज हैं अखिलेश सिंहः वहीं, आरजेडी नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध रखने वाले राज्य इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह नए प्रभारी की कार्यशैली से परेशान थे. उन्होंने हाईकमान को चेतावनी दी थी कि रमजान के महीने में जब मुसलमान दिन में उपवास करते हैं, तब यात्रा न निकाली जाए. सिंह ने यह भी कहा था कि पुरानी पार्टी का आक्रामक रुख विपक्षी गठबंधन में अनावश्यक तनाव पैदा कर सकता है, जिसे सत्तारूढ़ जेडीयू-बीजेपी गठबंधन से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

AICC review meeting cancelled
पटना में बैठक करते कांग्रेस नेता. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

बिहार प्रभारी अल्लावरु ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस राज्य में बी टीम नहीं बनेगी बल्कि जनता की ए टीम के रूप में काम करेगी. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह पुरानी पार्टी के भीतर दरार दिखाने का अच्छा समय नहीं है. इसके बजाय हम सभी को जेडी-यू और बीजेपी को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. नए प्रभारी को स्थानीय टीमों को अपनी रणनीति बतानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे लागू किया जाए."

इसे भी पढ़ेंः

  1. इसबार कांग्रेस किसे देगी टिकट? कृष्णा अल्लावरु बोले- 'सदाकत आश्रम का चक्कर लगाने से कोई फायदा नहीं'
  2. बिहार कांग्रेस प्रभारी का सख्त लहजा- 'रेस में दौड़ने वालों पर दांव लगाएंगे, गुटबाजी की तो बाहर जाएंगे'
  3. कौन हैं कृष्णा अल्लावरु? जिनको बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी ने बनाया प्रदेश प्रभारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.