अहमदाबाद (विकास कौशिक): गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश ने 270 लोगों की जान ले ली. पूरे देश को झकझोर देने वाली इस घटना में प्लेन में सवार 242 में से 241 लोगों सहित क्रैश साइट पर मौजूद 29 अन्य लोगों की भी मौत हुई है. प्लेन क्रैश साइट पर अब भीषण विस्फोट से काली पड़ चुकी इमारतें, मलबा और विमान के अवशेष मानों चीख-चीख कर उस भयानक मंजर की गवाही दे रहे हैं. जिस जगह एक झटके में 270 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई उसी घटनास्थल को देखने शुक्रवार को हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई. लोगों में प्लेन क्रैश साइट देखने का कौतूहल है, लेकिन वहां पहुंचते ही आंखें नम हो जा रही हैं.
काली पड़ी इमारतें, जैसे आसमान से आग बरसी हो
अहमदाबाद के मेघानी नगर में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ था. जिस जगह यह हादसा हुआ, वहां आसपास के क्षेत्र से लेकर दूर-दूर के गांव के लोग पहुंच रहे हैं. ये लोग उस जगह को देखना चाहते हैं, जहां इतना भीषण हादसा हुआ. यहां खौफ का मंजर अभी भी देखा जा सकता है. बड़ी-बड़ी इमारतें विमान के ईधन में हुए विस्फोट से इस कदर जली हैं, मानो आसमान से ही आग बरसी हो. इस मंजर की भयावहता देखने दूर-दूर से लोगों का आना जारी है, जबकि प्रशासनिक टीमें उन्हें जाने से रोक रही हैं, लेकिन क्या युवा, क्या पुरुष, अधेड़ उम्र की महिलाओं से लेकर बच्चों तक का यहां हुजुम लगा हुआ है.

आंखों में गम लिए, दर्द महसूस करने पहुंचे लोग
वहीं, आने-जाने वाले स्थानीय लोगों से ईटीवी भारत के संवाददाता विकास कौशिक ने बात की. जहां लोगों ने बताया कि वे बस उस जगह को देखना चाहते हैं, कि मौत के उस पल का क्या मंजर रहा होगा? लोगों ने बताया कि यहां डर का माहौल है. चारों तरफ मलबा और काली दीवारें है. लोगों ने कहा कि वे घूमने के लिए नहीं आए बल्कि उस दर्द को महसूस करना चाहते हैं.

दुख हमें भी है...
प्लने क्रैश साइट देखने आईं स्थानीय महिला सावित्री कहती हैं, "मैं बस देखने आई थी, उस विमान में 241 यात्री और अन्य लोगों की जान चली गई. यहां का मंजर देख मेरी आंखें भर आईं. भले वे हमारे परिवार या आस पड़ोस के नहीं थे, लेकिन थे तो अपने ही, इसलिए हमें भी दुख है."
दिल पर पत्थर रखकर, उस जगह को देखने आए
तभी भीड़ में मौजूद ट्रांसजेंडर रमा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, " यात्रियों के साथ कई डॉक्टर्स की भी मृत्यु हुई है. भले भगवान ने सभी को अलग-अलग बनाया हो, लेकिन हम सब हैं तो इंसान हीं. जो हादसा हुआ, वह ठीक नहीं हुआ. हम भी यहां दिल पर पत्थर रखकर आए हैं, वो गम महसूस कर पा रहे हैं, जो दुनिया से जाने वाले लोगों के परिवारों को इस वक्त हो रहा है."

लोगों में डर का भी माहौल, लोग बोले- दिल भारी हो गया
एयर इंडिया का विमान जहां क्रैश हुआ, वहां मौजूद भीड़ ने एक साथ कहा कि इस हादसे के बाद दिल बहुत भारी है. वहीं उन्होंने कहा जिस तरह का हादसा हुआ, उससे हर किसी के मन में खौफ बैठ गया है. इंसान के साथ यहां कई पशु-पक्षी भी मारे गए. लोगों ने कहा कि आजतक ऐसा भयानक दृश्य कभी नहीं देखा.
वहीं इस दौरान वहां मौजूद एनडीआरएफ की टीम के एक सदस्य ने बताया, "यहां हमारा काम हो गया है, इसलिए हम यहां से निकल रहे हैं, लेकिन जो हुआ वह ठीक नहीं था. हमने बस अपनी ड्यूटी की. हम कभी नहीं चाहते ऐसा कोई हादसा हो, इस तरह लोगों की जान जाएं."

सड़क किनारे सो रहा था 13 साल का बच्चा, शव जलकर खाक
इस हादसे में 241 यात्रियों के साथ कई और जिंदगियां भी काल के गाल में समा गईं. जिसमें एक 13 साल के बच्चे की भी दर्दनाक मौत हो गई. मृत बच्चे के भाई का दोस्त भी क्रैश साइट पर पहुंचा था. ईटीवी भारत के संवाददाता विकास कौशिक ने उससे बात की तो उसने नम आंखों के साथ बताया, " एयर इंडिया का प्लेन जिस मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, उसके बाहर उस बच्चे की मां चाय की दुकान लगाती थी. उस दिन उसका बेटा दुकान के पास रखी चारपाई पर आकर सो गया. तभी प्लेन बिल्डिंग से टकराया. जैसे ही ब्लास्ट हुआ, यहां सबकुछ खत्म हो गया. उसकी बॉडी पूरी तरह जल गई और मां सीरियस है."
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गुरुवार को इस हादसे ने 270 से अधिक जिंदगियां छीन लीं, हादसे में मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है, क्योंकि अभी भी कई लोग जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं. वहीं मृतकों के परिजनों के पास बस रह गया है तो अपार दुख, न थमने वाले आंसू, बेबसी और मन में सिर्फ एक सवाल...आखिर ये सब हुआ कैसे? क्यों हर किसी के लिए उम्मीदों का ये सफर, जीवन का आखिरी सफर बनकर रह गया?