खेड़ा (गुजरात) : खेड़ा जिले के महुधा तालुका के सिंहाली गांव के बुजुर्ग दंपत्ती प्रवीणभाई और रंजनबेन पटेल, एयर इंडिया की उस दुर्भाग्यपूर्ण उड़ान (एआई171) में सवार थे, जो 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही एक इलाके में जा घुसी थी, जिसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई थी.
यह दंपती अपने बेटे और उसके परिवार से मिलने और कुछ समय उनके साथ बिताने के लिए लंदन जा रहा था. उनका बेटा पिछले बीस साल से लंदन में स्थायी रूप से रहा है. उन्हें एक दशक पहले वीजा मिला था.
विमान हादसे में दंपती के निधन से दो बेटियों और एक बेटे से माता-पिता का साया उठ गया. वहीं उनके पोते-पोतियां अपने दादा-दादी के स्नेह से हमेशा के लिए वंचित हो गए.
पटेल दंपत्ती तीन-चार बार लंदन जा चुके थे. लेकिन मातृभूमि के प्रति प्रेम की वजह से बेटे ने गांव में ही उनके लिए नया मकान बनवाया था.
परिवार के लोग उन्हें एयरपोर्ट छोड़कर वापस घर लौटे ही थे कि प्लेन क्रैश की खबर मिली. पहचान के लिए उनकी बेटी के डीएनए सैंपल लिए गए हैं, जिनका मिलान होने के बाद ही परिवार को अंतिम पुष्टि दी जाएगी. हादसे से पूरा परिवार गहरे सदमे में है. वहीं माता-पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उनका बेटा जल्द भारत आएगा.
वहीं गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने रविवार को कहा कि 22 और मृतकों के डीएनए नमूनों का मिलान हो गया है. इसके साथ ही, अब तक डीएनए नमूने के माध्यम से त्रासदी में कुल 42 मृतकों की पहचान की जा चुकी है. उन्होंने कहा, "राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) इकाई की टीम और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की टीम अधिक डीएनए नमूनों का मिलान करने के लिए रात भर काम कर रही है." उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का डीएनए भी मिलान कर लिया गया है.
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