चमोली (उत्तराखंड): ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) में तपोवन के पास सुभाई मोटर मार्ग पर जली कार में महिला का कंकाल मिलने के बाद अब लापता पुरुष का शव भी बरामद हो गया है. बीते रविवार को जली कार में महिला का कंकाल (बुरी तरह जला शव) मिला था. वहीं, अब 4 दिन बाद घटनास्थल से करीब 100-200 मीटर की दूरी पर गहरी खाई में पुरुष का शव मिला है. यह शव कार के भीतर जली महिला के भाई का है. दोनों की पहचान 39 वर्षीय श्वेता सेनापति और 33 वर्षीय सुनील सेनापति के रूप में हुई है.
चांचड़ी गांव के पास कर्नाटक नंबर की जली कार में मिला था महिला का कंकाल: गौर हो कि, बीती 6 अप्रैल को चमोली जिले में तपोवन क्षेत्र में सुभाई मोटर मार्ग पर चांचड़ी गांव के पास कर्नाटक राज्य से रजिस्टर्ड एक रिट्ज कार संख्या KA 01 AG 0590 जली हुई मिली थी. कार के अंदर बुरी तरह से जली हुई एक महिला की लाश भी मिली थी. इस घटना से पहले स्थानीय लोगों को महिला के साथ एक पुरुष भी घूमता दिखा था. जो घटना के बाद से लापता चल रहा था. आखिरी बार दोनों को 5 अप्रैल की शाम घटनास्थल पर देखा गया था. उस दिन दोनों भविष्य बदरी मंदिर गए थे.
गहरी खाई में मिला लापता पुरुष का शव: महिला की लाश मिलने के बाद लापता पुरुष की लगातार तलाश की जा रही थी. तलाश में पुलिस बेंगलुरु भी गई थी. वहीं, व्यक्ति का शव आज यानी 10 अप्रैल को घटनास्थल से कुछ दूरी पर करीब 200 मीटर गहरी खाई से बरामद हुआ है. स्थानीय पुलिस, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ व डॉग स्क्वायड ने ज्वाइंट अभियान में व्यक्ति का पता लगाया. कार के नंबर के आधार पर आशंका जताई जा रही थी कि महिला कर्नाटक की रहने वाली है, लेकिन वो ओडिशा के रहने वाले निकली. जबकि, उसके साथ घूमता पुरुष उसका भाई था.
ओडिशा के रहने वाले थे भाई-बहन: पुलिस की मानें तो पूरा मामला आर्थिक तंगी से जुड़ा बताया जा रहा है. महिला का नाम श्वेता सेनापति और पुरुष का सुनील सेनापति था, जो ओडिशा के रायगढ़ के रहने वाले थे. ये लोग करीब 15-16 साल पहले विशाखापट्टनम शिफ्ट हुए थे. विशाखापट्टनम में दोनों साड़ी का कारोबार करते थे, लेकिन बिजनेस में भारी नुकसान होने की वजह से उनकी पारिवारिक स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई. इसके बाद 7 साल पहले वो बेंगलुरु गए. वहां सुनील ने कैब ड्राइवर का काम किया. फिर 3 साल पहले हरिद्वार शिफ्ट हुए और लगभग साढ़े 3 महीने पहले चमोली के सुभाई क्षेत्र में एक होमस्टे में रह रहे थे. दो महीने से होमस्टे का किराया भी नहीं भरा था.

बिजनेस में हुआ घाटा: पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मां-बाप के मौत के बाद तो सेनापति परिवार का और भी बुरा हाल होने लगा. अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए दोनों भाई-बहनों ने जगह-जगह बिजनेस किया, लेकिन बिजनेस में उन्हें कहीं भी सफलता नहीं मिली. वहीं, कोरोना काल में उनके भाई संतोष सेनापति की भी मौत हो गई. इसके बाद श्वेता और सुनील की आर्थिक स्थिति काफी खराब होने लगी. यहां कई लोगों ने उन्होंने पैसे उधार लिए थे. तंगी के कारण उन्होंने अपना मोबाइल और अन्य सामान भी बेचा था.
श्वेता और सुनील लंबे समय से आर्थिक तंगी से परेशान थे. हरिद्वार में भी उन्होंने साड़ी की दुकान खोली थी, लेकिन वहां भी घाटा हुआ. दोनों भाई बहन के पास मकान का किराया देने तक के पैसे नहीं रहे. जिसके बाद वो कुछ महीने पहले ही ज्योतिर्मठ के सुभाई क्षेत्र में रहने के लिए आए, लेकिन दोनों के पास पैसा न होने की वजह काफी परेशान चल रहे थे.
दोनों जहां भी रहते, लोगों से पैसे मांग कर अपना भरण पोषण करते थे. इन्होंने अपने मोबाइल और अन्य सामान भी लोकल को बेचे हैं. उससे जो भी थोड़े पैसे इनको मिलते थे उससे गुजारा करते थे.
घटनास्थल से जो भी सामग्री मिली है उसे FSL भेजा गया है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. प्रथम दृष्टया ये प्रकरण आत्महत्या का प्रतीत होता है.
- सर्वेश पंवार, पुलिस अधीक्षक, चमोली -
भाई-बहन की मौत: चमोली एसपी सर्वेश पंवार ने बताया कि परिवार वालों से संपर्क करने पर पता चला है कि दोनों का परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी कोई संबंध नहीं है. दोनों ही घर की स्थिति ठीक न होने की वजह से और आर्थिक तंगी से परेशान थे. उनके पास पहले दो प्लॉट और एक मकान था जिसको पहले ही बेच चुके थे. प्रथम दृष्टया ये मामला आत्महत्या का लगता है. ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों ने सुभाई मोटर मार्ग पर शनिवार यानी 5 अप्रैल की रात आत्महत्या की थी. फिलहाल पुलिस FSL रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. रिपोर्ट के बाद सबूतों के आधार पर ही मौत के कारणों का सही पता लग सकेगा.

भाई संतोष सेनापति के नाम रजिस्टर्ड थी कार: उन्होंने बताया कि श्वेता का शव रविवार सुबह जली अवस्था में कार के भीतर मिला तो वहीं उसके चार दिन बाद गुरुवार 10 अप्रैल को सुनील कुमार सेनापति का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर गहरी खाई से बरामद हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस जली कार में श्वेता सेनापति का शव बरामद हुआ था, वो उनके भाई संतोष सेनापति के नाम से दर्ज है.
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