पाकुड़: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में फैली हिंसा से प्रभावित परिवार अपना घर छोड़कर निकटवर्ती अपने परिवार के झारखंड में पहुंच रहे. हालांकि मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रहा है लेकिन वहां के पीड़ित परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
हिंसा प्रभावित परिवार खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोग निकट जिला मालदा सहित झारखंड के पाकुड़, साहिबगंज की ओर पलायन कर रहे हैं. पलायन कर किये खासकर महिलाओं में खौफ देखा गया. इनमें से कई लोग झारखंड के पाकुड़ जिला में शरण लिए हुए हैं.
मुर्शिदाबाद जिला में शमशेरगंज थाना क्षेत्र के गोरुहाट इलाके में रहने वाली कल्पना साहा ने ईटीवी भारत को बताया एक उपद्रवियों के अत्याचार से अपने घर में रातभर सो नहीं पाए और हम अपने दो बेटियों के साथ रहते है जबकि घर में कोई पुरुष नहीं रहने के कारण डर से अपने पिता के घर पाकुड़ आये हैं. कल्पना ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा बम चलाया जा रहा है और इस कारण हम सभी आतंकित हैं.
चूंकि महिलाओं पर भी अत्याचार हो रहा है और मेरी दो बेटी है. इसलिए हम पिता का घर सुरक्षित देखकर पाकुड़ आये हैं. कल्पना ने बताया कि स्थानीय प्रशासन कोई दिखाई नहीं दिया रात्रि 10 बजे के बाद जब हो हल्ला हो होता है तो हम डर से पलंग के नीचे छुप कर रहने को विवश होते थे. हालांकि वहां जब से केंद्रीय बलों की तैनाती हुई है तब से गश्ती की जा रही है. केंद्रीय बलों के तैनात होते ही वहां से किसी तरह निकल कर अपने पिता के घर पहुंचे पाए हैं.
'स्थानीय प्रशासन कोई दिखाई नहीं दिया रात्रि 10 बजे के बाद जब हो हल्ला हो होता है तो हम डर से पलंग के नीचे छुप कर रहने को विवश हो गये. हम अपनी बेटी को डर से पलंग के नीचे छुपा दिए'. -कल्पना साहा, हिंसा प्रभावित (मुर्शिदाबाद).
पीड़ित परिवार की मौमिता साहा ने बताया कि हमारे यहां रैली के नाम पर शॉपिंग मॉल, मोबाइल दुकान, फ्रीज, एसी के दुकानों में उपद्रवियों के द्वारा तोड़फोड़ और लूटपाट की गयी. वहां हमारे जैसे लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है, बम एवं गोली चलाने का काम किया जा रहा है. हमारे घरों तो जलाया गया है और हम सभी पर अत्याचार किया जा रहा है. मौमिता ने बताया कि स्थानीय पुलिस कुछ नहीं कर रही है लेकिन जब से केंद्रीय बल गश्ती कर रही है.
ईटीवी भारत की ओर से पूछे गए सवाल पर मौमिता ने बताया कि अपना घर द्वार छोड़कर सिर्फ हमारा ही परिवार नहीं बल्कि अन्य आसपास के लोग भी अपना परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर गए हैं. कुछ महिलाओं एवं युवतियों को बीएसएफ द्वारा गंगा पार सुरक्षित एक स्थान पर पहुंचाया है जबकि कई प्रभावित परिवारों को मालदा कैंप में भी पहुंचाया गया है.
'कुछ महिलाओं एवं युवतियों को बीएसएफ द्वारा गंगा पार सुरक्षित एक स्थान पर पहुंचाया है जबकि कई प्रभावित परिवारों को मालदा कैंप में भी पहुंचाया गया'. -मौमिता साहा, हिंसा प्रभावित (मुर्शिदाबाद).
वहीं लिली मंडल ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा घर घर में हमला कर रहा है, गला में धारदार हथियार रख कर लूटपाट की घटना को अंजाम दे रहा है और हम सभी लाचार हैं. लिली ने बताया कि इतना ही नहीं उपद्रवियों ने कइयों पर पेट्रोल डाल कर आग लगा दिया तो महिलाओं पर अत्याचार भी कर रहा है. वहां हो रहे अत्याचार के डर से उनका पूरा परिवार भागने को विवश है.
धूलियान के युवक शांतनु मंडल ने बताया कि उपद्रवी किस्म के लोगों द्वारा आतंक फैला रखा और और इसी डर से पाकुड़ आ गए हैं. उन्होंने बताया कि आतंक फैला रहे लोग बहुत ज्यादा बदतमीजी पर उतर आया है. युवक ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा कई घरों को जलाया जा चुका है और उत्पात मचा रहे लोग बम और पिस्तौल के साथ पहुंच रहे हैं.
'हमारे इलाके में आतंक फैला हुआ है. हम लोग काफी डरे हुए हैं. उपद्रवियों द्वारा कई घरों को जलाया जा चुका है और उत्पात मचा रहे लोग बम और पिस्तौल के साथ पहुंच रहे हैं'. -शांतनु मंडल, हिंसा प्रभावित (धुलियान).
बता दें कि बीते कई दिनों से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला के शमशेरगंज थाना क्षेत्र में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद सड़क जाम, आगजनी, तोड़फोड़, दुकानों एवं घरों में तोड़फोड़, लूटपाट के साथ मारपीट एवं हत्या की घटना घटी. मामला इतना गंभीर हो गया कि स्थानीय प्रशासन के हाथ से निकल गया और कोलकाता उच्च न्यायालय के निर्देश केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी. केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद धीरे धीरे शमशेरगंज थाना क्षेत्र में स्थिति सामान्य होने लगी लेकिन जफ़रगंज, लालपुर, बेदबोना, घोषपाड़ा, रानीपुर, हॉस्पिटल मोड़ सहित कई इलाकों में लोग आज भी दहशत में है कि कहीं दोबारा किसी प्रकार का हमला न हो. हालांकि केंद्रीय बलों के पहुंचने के बाद लोग राहत की सांस ली है.