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अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद चर्चा में आया 'DNA टेस्ट', जानिए कैसे और कितने समय में होता है, यहां समझें पूरा प्रॉसेस - AHMEDABAD PLANE CRASH DNA

डीएनए टेस्ट को लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगाराम अस्पताल के जेनेटिक्स एवं जीनोमिक्स डिपार्टमेंट की वाइस चेयरमैन डॉ. सुनीता बिजारनिआ से बातचीत की.

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DNA टेस्ट के बाद हो सकेगी मृतकों की पहचान, जानिए कैसे प्रोसेस करते है डीएनए टेस्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : June 13, 2025 at 8:21 PM IST

Updated : June 13, 2025 at 8:51 PM IST

5 Min Read

नई दिल्लीः अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव अधिक जल जाने की वजह से उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर डीएनए टेस्ट क्या होता है. यह प्रक्रिया कैसे पूरी होती है. साथ ही इसमें कितना समय लगता है. डीएनए टेस्ट को लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगाराम अस्पताल के जेनेटिक्स एवं जीनोमिक्स डिपार्टमेंट की वाइस चेयरमैन डॉ. सुनीता बिजारनिया से बातचीत की.

क्या है DNA टेस्ट ?
डॉ. सुनीता ने बताया कि जो डीएनए है वह हमारे शरीर का एक एसेट पार्ट होता है. डीएनए हर इंसान का यूनीक होता है. यह एक बार कोड की तरह आप मान सकते हैं. किसी इंसान की पहचान करने के लिए डीएनए बहुत अच्छा तरीका होता है जब किसी के रिलेटिव की डैडबॉडी की पहचान करनी होती है तो डीएनए टेस्ट कराना होता है. इसके लिए बॉडी के किसी भी एक टिश्यू को सैंपल के तौर पर लेना होता है. दोनों रिलेटिव के बॉडी के टिश्यू का सैंपल लेकर के डीएनए टेस्टिंग की जाती है.

डॉ. सुनीता बिजारनिया से खास बातचीत (Etv Bharat)

डीएनए एक पतले तार की तरह होता है, जिस पर कुछ कोडिंग होती है. लेटर्स लिखे होते हैं. इनमें से एक लेटर मां से मिला होता है एक पिता से मिला होता है तो डीएनए टेस्टिंग में उसको मैच करते हैं. इनमें कई बार अधिकतर चीजें मैच होती हैं तो कई बार कुछ कम चीजें मैच होती हैं. लेकिन, जितनी भी मैचिंग होती है उससे यह साफ तौर पर पता चल जाता है कि कौन किसका मां या पिता है या भाई बहन है.

जीवित व्यक्ति के ब्लड और मृत व्यक्ति के किसी भी बॉडी टिश्यू से होती है डीएनए टेस्टिंग
डॉ. सुनीता ने बताया कि जो व्यक्ति जीवित होता है उसकी डीएनए टेस्टिंग के लिए ब्लड से सैंपल ले लिया जाता है. वहीं, जो लोग मर जाते हैं उनकी डीएनए टेस्टिंग के लिए उनका बाल, बोन या शरीर का कोई भी टिश्यू लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि डीएनए टेस्टिंग अगर किट से करते हैं 15 से 20 मिनट में हो जाती है और अगर बड़े स्तर पर सैंपलिंग करके करनी होती है तो उसमें एक दिन का समय लगता है. उसके बाद रिपोर्ट बन जाती है.

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जानिए अहमदाबाद हादसे के मृतकों का कैसे किया जा सकता है DNA टेस्ट (Etv Bharat)

उन्होंने ये भी बताया कि आमतौर पर हम लोग ट्रांसप्लांट के समय डोनर और मरीज की डीएनए टेस्टिंग करते हैं. यह प्रोटोकॉल बना हुआ है कि अंगदान ब्लड रिलेशन में ही कोई कर सकता है. ब्लड रिलेशन को साबित करने के लिए और सही व्यक्ति में सही अंग ट्रांसप्लांट हो इसके लिए भी डीएनए टेस्टिंग होती है. उसके बाद ही ऑर्गन ट्रांसप्लांट होता है.

डीएनए में होते हैं मां और पिता दोनों के क्रोमोसोम
डॉ. सुनीता ने बताया कि डीएनए टेस्टिंग में मां और पिता दोनों के क्रोमोसोम होते हैं. डीएनए एक फिंगर प्रिंट की तरह ही होता है.पहले फिंगर प्रिंट से ज्यादातर पहचान होती थी. अब डीएनए से भी होती है. डीएनए का सैंपल चाहे ब्लड से लिया जाए, बोन से लिया जाए, लिवर से लिया जाए या पेशाब से लिया जाए वह सेम ही रहता है. आदमी के मरने के बाद भी उसका डीएनए में कोई परिवर्तन नहीं होता है.

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मृत्यु के बाद भी DNA में नहीं होता परिवर्तन (Etv Bharat)

डॉ. सुनीता ने बताया कि अगर किसी इंसान को मरे हुए ज्यादा समय हो गया हो तो थोड़ा बहुत डीएनए डिग्रेड होता है लेकिन, उससे भी पहचान हो जाती है. उन्होंने बताया कि अगर डीएनए के लिए ब्लड सैंपल भी लिया जाए तो तीन से चार दिन तक तो वह ठीक रहता है लेकिन, उसके बाद वह खराब हो जाता है.

आसानी से संभव है डीएनए जांच
एम्स के माइक्रोबाॉयोलॉजी विभाग के डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि डीएनए टेस्टिंग आसानी से संभव है. इसके लिए बस जिसके डीएनए की जांच होनी है और जिससे होनी है दोनों के सैंपल की जरूरत होती है. सैंपल के तौर पर ब्लड, बोन, बाल शरीर के किसी भी टिश्यू का इस्तेमाल किया जा सकता है.

जानिए DNA टेस्ट के बारे में जरूरी बातें
जानिए DNA टेस्ट के बारे में जरूरी बातें (Etv Bharat)

आमतौर पर डीएनए टेस्टिंग ऑर्गन ट्रांसप्लांट में होती है. इसके अलावा आपराधिक मामलों में फोरेंसिक जांच और किसी मृतक व्यक्ति पहचान के लिए भी होती है. डा. अशोक शर्मा ने बताया कि एम्स में फोरेंसिक विभाग और माइक्रोबयोलॉजी लैब में भी डीएनए जांच आवश्यकतानुसार होती है.

राजधानी के इन अस्पतालों में है डीएनए टेस्टिंग की सुविधा
राजधानी दिल्ली के एम्स, अपोलो, सफदरजंग और सर गंगाराम अस्पताल में डीएनए टेस्टिंग होती है. इनके अलावा कई अन्य निजी अस्पताल फोर्टिस और मैक्स में भी डीएनए टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है.

बता दें अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया प्लेन क्रैश हादसे में अब तक 297 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे में सिर्फ एक यात्री की जान बची है. मृतकों में 229 यात्री, जबकि 12 विमान के क्रू मैंबर्स शामिल हैं.

इसके अलावा,प्लेन क्रैश करने के बाद जिस मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर विमान गिरा था वहां मौजूद 56 लोगों की भी जान चली गई है. बता दें कि रेस्क्यू के दौरान आज विमान के मलबे से DVR मिलने के बाद हादसे की जांच तेज हो गई है. सरकार ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी भी बनाई है.

ये भी पढ़ें- एअर इंडिया प्लेन क्रैश: विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, क्या होता है यह... जांच में कितना उपयोगी, जानें

ये भी पढ़ें- अहमदाबाद विमान दुर्घटना: परिजनों को शव के लिए 72 घंटे करना होगा इंतजार

नई दिल्लीः अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव अधिक जल जाने की वजह से उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर डीएनए टेस्ट क्या होता है. यह प्रक्रिया कैसे पूरी होती है. साथ ही इसमें कितना समय लगता है. डीएनए टेस्ट को लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगाराम अस्पताल के जेनेटिक्स एवं जीनोमिक्स डिपार्टमेंट की वाइस चेयरमैन डॉ. सुनीता बिजारनिया से बातचीत की.

क्या है DNA टेस्ट ?
डॉ. सुनीता ने बताया कि जो डीएनए है वह हमारे शरीर का एक एसेट पार्ट होता है. डीएनए हर इंसान का यूनीक होता है. यह एक बार कोड की तरह आप मान सकते हैं. किसी इंसान की पहचान करने के लिए डीएनए बहुत अच्छा तरीका होता है जब किसी के रिलेटिव की डैडबॉडी की पहचान करनी होती है तो डीएनए टेस्ट कराना होता है. इसके लिए बॉडी के किसी भी एक टिश्यू को सैंपल के तौर पर लेना होता है. दोनों रिलेटिव के बॉडी के टिश्यू का सैंपल लेकर के डीएनए टेस्टिंग की जाती है.

डॉ. सुनीता बिजारनिया से खास बातचीत (Etv Bharat)

डीएनए एक पतले तार की तरह होता है, जिस पर कुछ कोडिंग होती है. लेटर्स लिखे होते हैं. इनमें से एक लेटर मां से मिला होता है एक पिता से मिला होता है तो डीएनए टेस्टिंग में उसको मैच करते हैं. इनमें कई बार अधिकतर चीजें मैच होती हैं तो कई बार कुछ कम चीजें मैच होती हैं. लेकिन, जितनी भी मैचिंग होती है उससे यह साफ तौर पर पता चल जाता है कि कौन किसका मां या पिता है या भाई बहन है.

जीवित व्यक्ति के ब्लड और मृत व्यक्ति के किसी भी बॉडी टिश्यू से होती है डीएनए टेस्टिंग
डॉ. सुनीता ने बताया कि जो व्यक्ति जीवित होता है उसकी डीएनए टेस्टिंग के लिए ब्लड से सैंपल ले लिया जाता है. वहीं, जो लोग मर जाते हैं उनकी डीएनए टेस्टिंग के लिए उनका बाल, बोन या शरीर का कोई भी टिश्यू लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि डीएनए टेस्टिंग अगर किट से करते हैं 15 से 20 मिनट में हो जाती है और अगर बड़े स्तर पर सैंपलिंग करके करनी होती है तो उसमें एक दिन का समय लगता है. उसके बाद रिपोर्ट बन जाती है.

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जानिए अहमदाबाद हादसे के मृतकों का कैसे किया जा सकता है DNA टेस्ट (Etv Bharat)

उन्होंने ये भी बताया कि आमतौर पर हम लोग ट्रांसप्लांट के समय डोनर और मरीज की डीएनए टेस्टिंग करते हैं. यह प्रोटोकॉल बना हुआ है कि अंगदान ब्लड रिलेशन में ही कोई कर सकता है. ब्लड रिलेशन को साबित करने के लिए और सही व्यक्ति में सही अंग ट्रांसप्लांट हो इसके लिए भी डीएनए टेस्टिंग होती है. उसके बाद ही ऑर्गन ट्रांसप्लांट होता है.

डीएनए में होते हैं मां और पिता दोनों के क्रोमोसोम
डॉ. सुनीता ने बताया कि डीएनए टेस्टिंग में मां और पिता दोनों के क्रोमोसोम होते हैं. डीएनए एक फिंगर प्रिंट की तरह ही होता है.पहले फिंगर प्रिंट से ज्यादातर पहचान होती थी. अब डीएनए से भी होती है. डीएनए का सैंपल चाहे ब्लड से लिया जाए, बोन से लिया जाए, लिवर से लिया जाए या पेशाब से लिया जाए वह सेम ही रहता है. आदमी के मरने के बाद भी उसका डीएनए में कोई परिवर्तन नहीं होता है.

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मृत्यु के बाद भी DNA में नहीं होता परिवर्तन (Etv Bharat)

डॉ. सुनीता ने बताया कि अगर किसी इंसान को मरे हुए ज्यादा समय हो गया हो तो थोड़ा बहुत डीएनए डिग्रेड होता है लेकिन, उससे भी पहचान हो जाती है. उन्होंने बताया कि अगर डीएनए के लिए ब्लड सैंपल भी लिया जाए तो तीन से चार दिन तक तो वह ठीक रहता है लेकिन, उसके बाद वह खराब हो जाता है.

आसानी से संभव है डीएनए जांच
एम्स के माइक्रोबाॉयोलॉजी विभाग के डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि डीएनए टेस्टिंग आसानी से संभव है. इसके लिए बस जिसके डीएनए की जांच होनी है और जिससे होनी है दोनों के सैंपल की जरूरत होती है. सैंपल के तौर पर ब्लड, बोन, बाल शरीर के किसी भी टिश्यू का इस्तेमाल किया जा सकता है.

जानिए DNA टेस्ट के बारे में जरूरी बातें
जानिए DNA टेस्ट के बारे में जरूरी बातें (Etv Bharat)

आमतौर पर डीएनए टेस्टिंग ऑर्गन ट्रांसप्लांट में होती है. इसके अलावा आपराधिक मामलों में फोरेंसिक जांच और किसी मृतक व्यक्ति पहचान के लिए भी होती है. डा. अशोक शर्मा ने बताया कि एम्स में फोरेंसिक विभाग और माइक्रोबयोलॉजी लैब में भी डीएनए जांच आवश्यकतानुसार होती है.

राजधानी के इन अस्पतालों में है डीएनए टेस्टिंग की सुविधा
राजधानी दिल्ली के एम्स, अपोलो, सफदरजंग और सर गंगाराम अस्पताल में डीएनए टेस्टिंग होती है. इनके अलावा कई अन्य निजी अस्पताल फोर्टिस और मैक्स में भी डीएनए टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है.

बता दें अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया प्लेन क्रैश हादसे में अब तक 297 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे में सिर्फ एक यात्री की जान बची है. मृतकों में 229 यात्री, जबकि 12 विमान के क्रू मैंबर्स शामिल हैं.

इसके अलावा,प्लेन क्रैश करने के बाद जिस मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर विमान गिरा था वहां मौजूद 56 लोगों की भी जान चली गई है. बता दें कि रेस्क्यू के दौरान आज विमान के मलबे से DVR मिलने के बाद हादसे की जांच तेज हो गई है. सरकार ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी भी बनाई है.

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Last Updated : June 13, 2025 at 8:51 PM IST
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