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4 किमी पैदल चलती हैं महिलाएं, खच्चर पर लादकर लाती हैं पानी, तब बुझती हैं एमपी में घरों की प्यास - BARWANI VILLAGERS DRINK DIRTY WATER

पहाड़ीनुमा कच्चे रास्ते और 4 किलोमीटर का सफर. जी हां बड़वानी के गांवों में महिलाएं जद्दोजहद कर पानी ला रही हैं. जिस पानी से हाथ भी नहीं धोये जा सकते उस पानी को पीने को मजबूर हैं.

water shortage in Barwani villages
बड़वानी में महिलाएं सिर पर पानी भरकर लाने को मजबूर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 8:06 PM IST

Updated : April 11, 2025 at 9:03 AM IST

5 Min Read

बड़वानी(आदित्य शर्मा): मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में बुनियादी सुविधाओं का हाल बदहाल है. कई गांव जल संकट से जूझ रहे हैं. एक एक बूंद पानी के लिए उन्हें जद्दो जहद करना पड़ता है. ग्राम पंचायत सिलवाद और विकासखंड पाटी की चौकी के भादल और सागबारा गांव के लोग पीने के पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालात यह है कि उन्हें पानी की तलाश में तीन से चार किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है. वहां गड्ढों और पोखरों में से ये लोग अपने सिर पर या मवेशियों पर पानी के बर्तन लादकर पानी लाने को मजबूर हैं.

झिरी के पास पानी भरने के लिए लंबी कतार में खड़ी रहती हैं महिलाएं

ग्रामीण दिलीप के अनुसार "लोग झिरी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. झिरी के पास महिलाएं पानी भरने के लिए लंबी कतार में खड़ी रहती हैं. ग्रामीण गधों और खच्चरों की सहायता से पानी की तलाश कर अपनी और परिजनों की प्यास बुझाने को मजबूर हैं. ग्राम चौकी भादल, सागबारा और सेमलेट में महिलाएं झिरी और गड्ढों से पानी भर रही हैं. खच्चरों से पानी ढ़ोया जा रहा है. मासूम बच्चे भी सिर पर पानी के बर्तन रखकर ले जाने को विवश हैं."

बड़वानी के गांवों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

यही नहीं पाटी जनपद और वनपरिक्षेत्र के गांवों में ग्रामीणों को अपनी और पालतू जानवरों की प्यास बुझाने के लिए भीषण गर्मी में जूझना पड़ रहा है. गांव की महिलाएं पानी का बर्तन सिर पर रख कर पानी की तलाश में निकलती हैं और पहाड़ीनुमा कच्चे रास्तों का सफर तय करते हुए पानी लेकर घर आती हैं.

water shortage in Barwani villages
बड़वानी के इन गावों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

दिन भर का समय पानी भरने की जुगाड़ में निकल जाता है

जनपद पंचायत प्रतिनिधि प्रकाश बंडोड ने बताया "पानी की समस्या ने मजदूर वर्ग के लोगों की कमर तोड़ दी है. इनका दिनभर का समय पानी भरने की जुगाड़ में निकल जाता है. गांव के हैंडपंप और कुएं ग्रामीणों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहे हैं. इस वजह से ग्रामीण पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी गांवों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. इन क्षेत्रों में लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं."

water shortage in Barwani villages
बड़वानी के इन गावों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

बड़े बड़े किए जा रहे हैं दावे लेकिन हकीकत कुछ और

ग्रामीण संदीप नरगावे ने बताया "जिले में प्रशासन द्वारा गांव-गांव नल जल योजना अंतर्गत विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. ग्राम चौकी भादल, सेमलेट, सागबारा और सहित कई गांवों के लोग गधों और खच्चरों की सहायता से अपने लिए पीने के पानी का जुगाड़ करते हैं." ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ियों से घिरा होने के कारण पाटी क्षेत्र में भीषण गर्मी होती है. साथ ही पानी की बड़ी किल्लत होती है. यह हमेशा की समस्या है. जन सुनवाई और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद पानी के लिए हमें मजबूरी में दर-दर भटकना पड़ रहा है."

acute shortage of water in Barwani villages
बड़वानी गावों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

लोगों ने कहा, गांव में स्कूल, सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत

जबकि बड़वानी जिला अनुसूचित जनजाति आरक्षित होकर यहां हमारे ही समुदाय से विधायक और सांसद चुने जाते हैं. जो सिर्फ चुनाव जीतने तक ही जनता के बीच नजर आते हैं. 50 साल के बुजुर्ग झिनला पिछले 50 सालों से ग्राम भादल में रह रहे हैं. झिनला का कहना है कि हमें इस गांव में स्कूल, सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. हम लोग सरपंच, पूर्व विधाय, सांसद, राज्यसभा सांसद के पास भी कई बार गए.

पानी के लिए घंटों सफर करने को मजबूर ग्रामीण

उन्होंने भी आश्वासन भी दिया लेकिन हमारी समस्या का समाधान अभी तक नहीं कर पाए. हमारे मोहल्ले में एक हैंडपंप है वह भी जरा-जरा चलता है. गर्मी के दिनों में वह भी सूख जाता है. जिसके बाद हम लोग काफी दूर से सिर पर पानी रखकर लाते हैं. महिलाएं अपने सिर पर पानी के बर्तन लेकर चलती हैं. रास्ता पहाड़ी और कच्चा भी है. यह सफर कई घंटों में पूरा होता है. वहीं गांव में जिन लोगों के पास गधे और खच्चर हैं वो लोग अपने जानवर के माध्यम से पानी लेकर आते हैं.

गांव के लोगों का कहना है कि गर्मी में जानवर भी पानी के लिए परेशान रहते हैं. हमने कई बार आवेदन दिया और जनप्रतिनिधियों को भी समस्या से अवगत कराया. साथ ही कलेक्ट्रेट तक जाकर समस्या बताई लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता.

मामले को लेकर बड़वानी एसडीएम भूपेंद्र रावत ने कहा "पूर्व में भी इस तरह की समस्या आई थी, जिसके चलते बोरवेल करवाया गया था. अभी भी इस तरह की समस्या है, तो पीएचई की ओर संबंधित पंचायत से मामले की जांच कराएंगे. और यदि आवश्यक हुआ तो वहां पेयजल के लिए और बोरवेल से खनन करवाएंगे."

बड़वानी(आदित्य शर्मा): मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में बुनियादी सुविधाओं का हाल बदहाल है. कई गांव जल संकट से जूझ रहे हैं. एक एक बूंद पानी के लिए उन्हें जद्दो जहद करना पड़ता है. ग्राम पंचायत सिलवाद और विकासखंड पाटी की चौकी के भादल और सागबारा गांव के लोग पीने के पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालात यह है कि उन्हें पानी की तलाश में तीन से चार किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है. वहां गड्ढों और पोखरों में से ये लोग अपने सिर पर या मवेशियों पर पानी के बर्तन लादकर पानी लाने को मजबूर हैं.

झिरी के पास पानी भरने के लिए लंबी कतार में खड़ी रहती हैं महिलाएं

ग्रामीण दिलीप के अनुसार "लोग झिरी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. झिरी के पास महिलाएं पानी भरने के लिए लंबी कतार में खड़ी रहती हैं. ग्रामीण गधों और खच्चरों की सहायता से पानी की तलाश कर अपनी और परिजनों की प्यास बुझाने को मजबूर हैं. ग्राम चौकी भादल, सागबारा और सेमलेट में महिलाएं झिरी और गड्ढों से पानी भर रही हैं. खच्चरों से पानी ढ़ोया जा रहा है. मासूम बच्चे भी सिर पर पानी के बर्तन रखकर ले जाने को विवश हैं."

बड़वानी के गांवों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

यही नहीं पाटी जनपद और वनपरिक्षेत्र के गांवों में ग्रामीणों को अपनी और पालतू जानवरों की प्यास बुझाने के लिए भीषण गर्मी में जूझना पड़ रहा है. गांव की महिलाएं पानी का बर्तन सिर पर रख कर पानी की तलाश में निकलती हैं और पहाड़ीनुमा कच्चे रास्तों का सफर तय करते हुए पानी लेकर घर आती हैं.

water shortage in Barwani villages
बड़वानी के इन गावों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

दिन भर का समय पानी भरने की जुगाड़ में निकल जाता है

जनपद पंचायत प्रतिनिधि प्रकाश बंडोड ने बताया "पानी की समस्या ने मजदूर वर्ग के लोगों की कमर तोड़ दी है. इनका दिनभर का समय पानी भरने की जुगाड़ में निकल जाता है. गांव के हैंडपंप और कुएं ग्रामीणों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहे हैं. इस वजह से ग्रामीण पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी गांवों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. इन क्षेत्रों में लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं."

water shortage in Barwani villages
बड़वानी के इन गावों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

बड़े बड़े किए जा रहे हैं दावे लेकिन हकीकत कुछ और

ग्रामीण संदीप नरगावे ने बताया "जिले में प्रशासन द्वारा गांव-गांव नल जल योजना अंतर्गत विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. ग्राम चौकी भादल, सेमलेट, सागबारा और सहित कई गांवों के लोग गधों और खच्चरों की सहायता से अपने लिए पीने के पानी का जुगाड़ करते हैं." ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ियों से घिरा होने के कारण पाटी क्षेत्र में भीषण गर्मी होती है. साथ ही पानी की बड़ी किल्लत होती है. यह हमेशा की समस्या है. जन सुनवाई और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद पानी के लिए हमें मजबूरी में दर-दर भटकना पड़ रहा है."

acute shortage of water in Barwani villages
बड़वानी गावों में पानी की भीषण किल्लत (ETV Bharat)

लोगों ने कहा, गांव में स्कूल, सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत

जबकि बड़वानी जिला अनुसूचित जनजाति आरक्षित होकर यहां हमारे ही समुदाय से विधायक और सांसद चुने जाते हैं. जो सिर्फ चुनाव जीतने तक ही जनता के बीच नजर आते हैं. 50 साल के बुजुर्ग झिनला पिछले 50 सालों से ग्राम भादल में रह रहे हैं. झिनला का कहना है कि हमें इस गांव में स्कूल, सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. हम लोग सरपंच, पूर्व विधाय, सांसद, राज्यसभा सांसद के पास भी कई बार गए.

पानी के लिए घंटों सफर करने को मजबूर ग्रामीण

उन्होंने भी आश्वासन भी दिया लेकिन हमारी समस्या का समाधान अभी तक नहीं कर पाए. हमारे मोहल्ले में एक हैंडपंप है वह भी जरा-जरा चलता है. गर्मी के दिनों में वह भी सूख जाता है. जिसके बाद हम लोग काफी दूर से सिर पर पानी रखकर लाते हैं. महिलाएं अपने सिर पर पानी के बर्तन लेकर चलती हैं. रास्ता पहाड़ी और कच्चा भी है. यह सफर कई घंटों में पूरा होता है. वहीं गांव में जिन लोगों के पास गधे और खच्चर हैं वो लोग अपने जानवर के माध्यम से पानी लेकर आते हैं.

गांव के लोगों का कहना है कि गर्मी में जानवर भी पानी के लिए परेशान रहते हैं. हमने कई बार आवेदन दिया और जनप्रतिनिधियों को भी समस्या से अवगत कराया. साथ ही कलेक्ट्रेट तक जाकर समस्या बताई लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता.

मामले को लेकर बड़वानी एसडीएम भूपेंद्र रावत ने कहा "पूर्व में भी इस तरह की समस्या आई थी, जिसके चलते बोरवेल करवाया गया था. अभी भी इस तरह की समस्या है, तो पीएचई की ओर संबंधित पंचायत से मामले की जांच कराएंगे. और यदि आवश्यक हुआ तो वहां पेयजल के लिए और बोरवेल से खनन करवाएंगे."

Last Updated : April 11, 2025 at 9:03 AM IST
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