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मुजफ्फरपुर दुष्कर्म कांड पर एक्शन: SKMCH की अधीक्षक सस्पेंड, PMCH के उपाधीक्षक हटाए गए - MUZAFFARPUR CASE

मुजफ्फरपुर की रेप पीड़िता मासूम की मौत पर दो चिकित्सा अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है. सरकार ने दोषियों को सख्त सजा देने का वादा किया.

MUZAFFARPUR CASE
कॉसेप्ट फोटो (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : June 3, 2025 at 7:21 PM IST

4 Min Read

पटना : 26 मई की शाम, मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड में 9 वर्षीय दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया. आरोपी ने उसका गला रेता फिर चाकू से पेट पर कई वार करके लहूलुहान छोड़ दिया. बेहोश बच्ची को परिवार वालों ने खोजकर मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज (एसकेएमसीएच) में भर्ती कराया, जहां वह पांच दिनों तक जूझती रही. इसके बाद यहां से पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां इलाज में लापरवाही सामने आई और बच्ची की मौत हो गई. इस मामले में सरकार ने एक्शन लिया है और दो अधिकारियों को बर्खास्त किया है.

प्रशासनिक कार्रवाई के तहत निलंबन : इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉ. विभा कुमारी को रेफरल प्रक्रिया की अनदेखी के आरोप में निलंबित किया है, जबकि पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को पदमुक्त कर दिया है. सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को ₹4 लाख का तत्काल मुआवजा और ₹7,750 मासिक पेंशन देने की बात कही गई है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है, जो दोनों अस्पतालों की लापरवाही की जांच करेगी.

MUZAFFARPUR CASE
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी पत्र (ETV Bharat)

इलाज में लापरवाही, अस्पतालों ने छीनी जान : पीड़ित परिवार ने एसकेएमसीच पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. परिवार के अनुसार, बच्ची की हालत में सुधार हो रहा था, लेकिन डॉक्टरों ने उसे बिना स्थिर किए 31 मई को पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया. इसके बाद पीएमसीएच में बच्ची का समय पर इलाज नहीं हुआ और यहां घोर लापरवाही देखने को मिली. पीएमसीएच में बच्ची को 4-5 घंटे तक एंबुलेंस में रखा गया. अस्पताल प्रशासन ने 'बेड उपलब्ध नहीं' का बहाना बनाया. परिजनों का कहना है कि पैसा रहता तो बच्ची को बेड मिल जाता. मीडिया में हंगामा की खबर सामने आने के बाद पीएमसीएच ने एडमिट किया, लेकिन अगले सुबह 1 जून को बच्ची की मौत हो गई.

MUZAFFARPUR CASE
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

एनसीडब्ल्यू ने भी लगाई फटकार : पीएमसीएच प्रशासन ने दावा किया कि ईएनटी आईसीयू की कमी के कारण उसे गाइनोकोलॉजी वार्ड में रखा गया, लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इसे "सिस्टम की व्यवस्थित विफलता" करार दिया है और राज्य सरकार को फटकार लगाई है. वहीं पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और 15 दिनों में चार्जशीट दाखिल करने का वादा किया है. आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि सामने आई है. उसपर पहले भी परिवार की एक लड़की के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लग चुका था.

राजनीतिक भूचाल, विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा :-

  • तेजस्वी यादव का आरोप- नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "सरकार कौन-सा नशा करके सोई है? सीएम नीतीश और स्वास्थ्य मंत्री पांडेय को यहां आकर इस गरीब दलित परिवार का दर्द देखना चाहिए".
  • कांग्रेस का प्रदर्शन- यूथ कांग्रेस ने पटना में विरोध मार्च निकाला. प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि बिहार में सिस्टम फेल हो गई है. उन्होंने कहा, क्या फायदा दुनिया के सबसे बड़ा अस्पताल बनाने का जब गरीब बच्ची की इलाज ही ना हो पाए.
  • मायावती की प्रतिक्रिया- बसपा प्रमुख ने एक्स पर पोस्ट कर पूछा, "बिहार कब बदलेगा? यह घटना राज्य की कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है".
  • उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी : मुजफ्फरपुर में दुष्कर्म पीड़िता किशोरी की चिकित्सा में लापरवाही के कारण मृत्यु को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया और इस दुखद घटना से संबंधित दो मेडिकल कालेज अस्पतालों के शीर्ष चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है. ऐसे में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. दुष्कर्म के दोषियों को स्पीडी ट्रायल चला कर सजा दिलायी जायेगी.

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पटना : 26 मई की शाम, मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड में 9 वर्षीय दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया. आरोपी ने उसका गला रेता फिर चाकू से पेट पर कई वार करके लहूलुहान छोड़ दिया. बेहोश बच्ची को परिवार वालों ने खोजकर मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज (एसकेएमसीएच) में भर्ती कराया, जहां वह पांच दिनों तक जूझती रही. इसके बाद यहां से पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां इलाज में लापरवाही सामने आई और बच्ची की मौत हो गई. इस मामले में सरकार ने एक्शन लिया है और दो अधिकारियों को बर्खास्त किया है.

प्रशासनिक कार्रवाई के तहत निलंबन : इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉ. विभा कुमारी को रेफरल प्रक्रिया की अनदेखी के आरोप में निलंबित किया है, जबकि पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को पदमुक्त कर दिया है. सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को ₹4 लाख का तत्काल मुआवजा और ₹7,750 मासिक पेंशन देने की बात कही गई है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है, जो दोनों अस्पतालों की लापरवाही की जांच करेगी.

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी पत्र (ETV Bharat)

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ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

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  • तेजस्वी यादव का आरोप- नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "सरकार कौन-सा नशा करके सोई है? सीएम नीतीश और स्वास्थ्य मंत्री पांडेय को यहां आकर इस गरीब दलित परिवार का दर्द देखना चाहिए".
  • कांग्रेस का प्रदर्शन- यूथ कांग्रेस ने पटना में विरोध मार्च निकाला. प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि बिहार में सिस्टम फेल हो गई है. उन्होंने कहा, क्या फायदा दुनिया के सबसे बड़ा अस्पताल बनाने का जब गरीब बच्ची की इलाज ही ना हो पाए.
  • मायावती की प्रतिक्रिया- बसपा प्रमुख ने एक्स पर पोस्ट कर पूछा, "बिहार कब बदलेगा? यह घटना राज्य की कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है".
  • उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी : मुजफ्फरपुर में दुष्कर्म पीड़िता किशोरी की चिकित्सा में लापरवाही के कारण मृत्यु को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया और इस दुखद घटना से संबंधित दो मेडिकल कालेज अस्पतालों के शीर्ष चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है. ऐसे में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. दुष्कर्म के दोषियों को स्पीडी ट्रायल चला कर सजा दिलायी जायेगी.

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