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आम आदमी पार्टी में पड़ी फूट! 15 पार्षदों ने दिया इस्तीफा, AAP ने कहा- BJP ने इन्हें 5 करोड़ का ऑफर दिया - AAM AADMI PARTY SPLITS

केजरीवाल की पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं, दिल्ली नगर निगम का चुनाव भी नहीं लड़ा था.

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मुकेश गोयल (बीच में) के साथ हिमानी जैन और हेमचंद गोयल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 17, 2025 at 2:00 PM IST

Updated : May 17, 2025 at 6:26 PM IST

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मौजूदा 15 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इन्होंने नई पार्टी बनाी है. दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पहुंचे आम आदमी पार्टी के मौजूदा पार्षदों ने इस बात की जानकारी दी कि नई पार्टी का गठन किया है. इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी शुरू की है. अध्यक्ष मुकेश गोयल हैं.

बता दें कि मुकेश गोयल पहले कांग्रेस के नेता भी रह चुके हैं. बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए. आम आदमी पार्टी के नेता हेमचंद गोयल के नेतृत्व में ये थर्ड फ्रंट बनाया है.

आम आदमी पार्टी के 15 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया (ETV Bharat)

"हमें ऊपर से आदेश दिए जाते थे..."
पूर्व नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा, "हमारे साथ आए 15 पार्षदों ने 2022 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पिछले ढाई वर्षो में यह पार्टी 135 सदस्य लेकर आई थी. पार्टी को पूर्ण बहुमत था, लेकिन ढाई वर्षो के अंदर जिस वातावरण में रहा, हमेशा ऊपर से आदेश आते थे. नीचे की कोई बात नहीं सुनी जाती थी. मुझे नेता सदन बनाया गया लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं होती थी. मैं 2022 में आप के टिकट पर चुनाव लड़ा था."

उन्होंने कहा कि हेमचंद गोयल तीन बार के पार्षद हैं. जसवीर, ऊषा शर्मा दो बार के पार्षद हैं और भी कई नेता हैं, जो बड़े सीनियर हैं, लेकिन कभी हम लोगों की नहीं सुनी जाती थी. हमें नेता सदन बनाया गया था लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं मिलती थी. हमें आदेश आते थे कि आप यह करो. नगर निगम में प्रतिदिन आम आदमी पार्टी का पतन होता रहा और आम आदमी पार्टी की हालत हो गई कि हमें विपक्ष में बैठना पड़ा. पार्टी कारपोरेशन को अपने अनुभवी लोगों से बात कर उनसे सलाह लेकर इस नगर निगम को चलाना चाहिथा, तो नगर निगम चल सकती थी. केवल लड़ाई-झगड़ा विपक्ष के ऊपर आरोप प्रत्यारोप सारी चीज मुझे अच्छी नहीं लगी.

इस्तीफा देने की यह रही वजहः मुकेश गोयल ने कहा कि 28 वर्षों के दौरान हमने जो वातावरण देखा और अब ढाई सालों में देखा, इसमें बहुत अंतर था. हमारी अधिकारियों पर पकड़ नहीं रही. अधिकारी हमारी सुनते नहीं थे. काम कोई होते नहीं, हमारे पार्षदों को लॉलीपॉप दे दिए कि आपको एक लाख महीना वेतन मिलेगा. 1997 से पार्षद में मीटिंग भत्ता डेढ़ सौ रुपए था उसके बाद वर्ष 2000 में 300 रुपये हुआ और 25 साल में आज वह अभी भत्ता 300 है. हमारे निगम पार्षदों को बरगलाया गया आपको एक लाख रुपये महीना मिलेगा. निगम पार्षदों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए बजट तक नहीं है. निगम पार्षद का जो बजट था, वह भी नहीं मिला और हालात यह हो गए कि अधिकारियों ने सत्ता पक्ष का सहयोग करना बंद कर दिया. अब ढाई साल हो गए और हमें अब लगता है कि इसी तरह चलता रहेगा. इसलिए हम सबने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देना का फैसला लिया.

मुकेश गोयल ने कहा कि हमें अपने क्षेत्र के लोगों को जवाब देना है, काम करना है. अब हम अगर काम करके नहीं दिखाएंगे तो हम दोबारा 2 साल बाद चुनाव में कैसे जनता से वोट मांगेंगे. वहीं, हेमचंद गोयल ने कहा कि निगम का अर्थ है सत्ता का विकेंद्रीकरण लेकिन आप ने केंद्रीय स्तर पर एक ही व्यक्ति को शक्ति दे दी.

इन पार्षदों ने दिया इस्तीफा

  1. हेमचंद गोयल
  2. हिमानी जैन
  3. रूनाक्षी शर्मा
  4. ऊषा शर्मा
  5. अशोक पांडेय
  6. राखी यादव
  7. साहिब कुमार
  8. राजेश कुमार
  9. मनीषा किराना
  10. सुमन अनिल राणा
  11. दिनेश भारद्वाज
  12. मुकेश कुमार गोयल
  13. देवेंद्र कुमार
  14. लीना कुमार
  15. कमल भारद्वाज

बता दें कि दिल्ली में पहले सत्ता गंवाने के बाद आम आदमी पार्टी में लगातार अब फूट पड़ती जा रही है. दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जैसे नेता भी हार गए थे. तब पार्टी नेताओं में निराशा का भाव था. उसके बाद से ही आम आदमी पार्टी में लगातार फूट पड़ रही है.

पार्षदों के इस्तीफे के संबंध में आप की प्रतिक्रिया
मेयर चुनाव के समय से ही भाजपा हमारे पार्षदों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है. प्रत्येक पार्षद को 5 करोड़ रुपये की पेशकश की गई. भाजपा के पास स्थायी समिति या वार्ड समिति बनाने के लिए बहुमत नहीं है. इसलिए वह लोगों को खरीदने का सहारा ले रही है, चूंकि हमने मेयर चुनाव के दौरान ही भाजपा की खरीद-फरोख्त की कोशिशों को उजागर कर दिया था, इसलिए अब वे यह दिखावा करके नाटक कर रहे हैं कि ये दलबदलू दूसरी पार्टी से हैं. लेकिन कोई गलती न करें. यह शुरू से लेकर आखिर तक भाजपा का काम है. आने वाले दिनों में सच्चाई सबके सामने आ जाएगी.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में AAP का भविष्य कितना? अरविंद केजरीवाल पंजाब के रास्ते तलाश रहे नई जमीन!

ये भी पढ़ें- दिल्ली छोड़ अब पंजाब में सक्रिय केजरीवाल: नई रणनीति या अस्तित्व की लड़ाई? जानिए राजनीतिक एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मौजूदा 15 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इन्होंने नई पार्टी बनाी है. दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पहुंचे आम आदमी पार्टी के मौजूदा पार्षदों ने इस बात की जानकारी दी कि नई पार्टी का गठन किया है. इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी शुरू की है. अध्यक्ष मुकेश गोयल हैं.

बता दें कि मुकेश गोयल पहले कांग्रेस के नेता भी रह चुके हैं. बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए. आम आदमी पार्टी के नेता हेमचंद गोयल के नेतृत्व में ये थर्ड फ्रंट बनाया है.

आम आदमी पार्टी के 15 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया (ETV Bharat)

"हमें ऊपर से आदेश दिए जाते थे..."
पूर्व नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा, "हमारे साथ आए 15 पार्षदों ने 2022 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पिछले ढाई वर्षो में यह पार्टी 135 सदस्य लेकर आई थी. पार्टी को पूर्ण बहुमत था, लेकिन ढाई वर्षो के अंदर जिस वातावरण में रहा, हमेशा ऊपर से आदेश आते थे. नीचे की कोई बात नहीं सुनी जाती थी. मुझे नेता सदन बनाया गया लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं होती थी. मैं 2022 में आप के टिकट पर चुनाव लड़ा था."

उन्होंने कहा कि हेमचंद गोयल तीन बार के पार्षद हैं. जसवीर, ऊषा शर्मा दो बार के पार्षद हैं और भी कई नेता हैं, जो बड़े सीनियर हैं, लेकिन कभी हम लोगों की नहीं सुनी जाती थी. हमें नेता सदन बनाया गया था लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं मिलती थी. हमें आदेश आते थे कि आप यह करो. नगर निगम में प्रतिदिन आम आदमी पार्टी का पतन होता रहा और आम आदमी पार्टी की हालत हो गई कि हमें विपक्ष में बैठना पड़ा. पार्टी कारपोरेशन को अपने अनुभवी लोगों से बात कर उनसे सलाह लेकर इस नगर निगम को चलाना चाहिथा, तो नगर निगम चल सकती थी. केवल लड़ाई-झगड़ा विपक्ष के ऊपर आरोप प्रत्यारोप सारी चीज मुझे अच्छी नहीं लगी.

इस्तीफा देने की यह रही वजहः मुकेश गोयल ने कहा कि 28 वर्षों के दौरान हमने जो वातावरण देखा और अब ढाई सालों में देखा, इसमें बहुत अंतर था. हमारी अधिकारियों पर पकड़ नहीं रही. अधिकारी हमारी सुनते नहीं थे. काम कोई होते नहीं, हमारे पार्षदों को लॉलीपॉप दे दिए कि आपको एक लाख महीना वेतन मिलेगा. 1997 से पार्षद में मीटिंग भत्ता डेढ़ सौ रुपए था उसके बाद वर्ष 2000 में 300 रुपये हुआ और 25 साल में आज वह अभी भत्ता 300 है. हमारे निगम पार्षदों को बरगलाया गया आपको एक लाख रुपये महीना मिलेगा. निगम पार्षदों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए बजट तक नहीं है. निगम पार्षद का जो बजट था, वह भी नहीं मिला और हालात यह हो गए कि अधिकारियों ने सत्ता पक्ष का सहयोग करना बंद कर दिया. अब ढाई साल हो गए और हमें अब लगता है कि इसी तरह चलता रहेगा. इसलिए हम सबने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देना का फैसला लिया.

मुकेश गोयल ने कहा कि हमें अपने क्षेत्र के लोगों को जवाब देना है, काम करना है. अब हम अगर काम करके नहीं दिखाएंगे तो हम दोबारा 2 साल बाद चुनाव में कैसे जनता से वोट मांगेंगे. वहीं, हेमचंद गोयल ने कहा कि निगम का अर्थ है सत्ता का विकेंद्रीकरण लेकिन आप ने केंद्रीय स्तर पर एक ही व्यक्ति को शक्ति दे दी.

इन पार्षदों ने दिया इस्तीफा

  1. हेमचंद गोयल
  2. हिमानी जैन
  3. रूनाक्षी शर्मा
  4. ऊषा शर्मा
  5. अशोक पांडेय
  6. राखी यादव
  7. साहिब कुमार
  8. राजेश कुमार
  9. मनीषा किराना
  10. सुमन अनिल राणा
  11. दिनेश भारद्वाज
  12. मुकेश कुमार गोयल
  13. देवेंद्र कुमार
  14. लीना कुमार
  15. कमल भारद्वाज

बता दें कि दिल्ली में पहले सत्ता गंवाने के बाद आम आदमी पार्टी में लगातार अब फूट पड़ती जा रही है. दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जैसे नेता भी हार गए थे. तब पार्टी नेताओं में निराशा का भाव था. उसके बाद से ही आम आदमी पार्टी में लगातार फूट पड़ रही है.

पार्षदों के इस्तीफे के संबंध में आप की प्रतिक्रिया
मेयर चुनाव के समय से ही भाजपा हमारे पार्षदों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है. प्रत्येक पार्षद को 5 करोड़ रुपये की पेशकश की गई. भाजपा के पास स्थायी समिति या वार्ड समिति बनाने के लिए बहुमत नहीं है. इसलिए वह लोगों को खरीदने का सहारा ले रही है, चूंकि हमने मेयर चुनाव के दौरान ही भाजपा की खरीद-फरोख्त की कोशिशों को उजागर कर दिया था, इसलिए अब वे यह दिखावा करके नाटक कर रहे हैं कि ये दलबदलू दूसरी पार्टी से हैं. लेकिन कोई गलती न करें. यह शुरू से लेकर आखिर तक भाजपा का काम है. आने वाले दिनों में सच्चाई सबके सामने आ जाएगी.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में AAP का भविष्य कितना? अरविंद केजरीवाल पंजाब के रास्ते तलाश रहे नई जमीन!

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Last Updated : May 17, 2025 at 6:26 PM IST
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