ETV Bharat / bharat

एक ही सिरिंज का नौ लोगों ने किया इस्तेमाल, हुए HIV संक्रमित - 9 HIV CASES CONFIRMED

केरल के मलप्पुरम स्थित वलनचेरी में नौ व्यक्तियों में एचआईवी संक्रमण मिला है. संक्रमण एक नीडल के इस्तेमाल से फैला.

ho used  same syringe for drug use in Kerala tested positive for HIV
एक ही सिरिंज का इस्तेमाल करने से 9 लोगों को HIV संक्रमण हुआ (सांकेतिक तस्वीर)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 27, 2025 at 3:14 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: पिछले दो महीनों में केरल के मलप्पुरम स्थित वलनचेरी में नौ व्यक्तियों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि संक्रमण दवाओं के इंजेक्शन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दूषित नीडल के माध्यम से हुआ है.

जानकारी के मुताबिक संक्रमित लोगों में छह मलयाली और तीन प्रवासी मजदूर हैं. सबसे पहले एक व्यक्ति में एचआईवी का पता चला, जिसके बाद केरल एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने आगे की जांच की, जिससे और मामलों की पहचान हुई.

वलनचेरी एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी रहती है. रिपोर्ट के अनुसार वायरस के प्रसार के बारे में उस समय पता चला जब केरल एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने टेस्टिंग के दौरान एक व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव पाया.

एक ही सिरिंज का इस्तेमाल
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए एक ही सिरिंज के इस्तेमाल से इन नौ व्यक्तियों में एचआईवी संक्रमण फैल गया. बता दें कि यहां दवा सप्लायर्स के लिए पहले से भरी हुई सिरिंज में लोगों को दवाएं देना आम बात है. ये व्यक्ति ऐसी ही किसी सिरिंज का दोबारा इस्तेमाल कर रहे थे.

हर महीने दस से ज्यादा लोग एचआईवी से पीड़ित होते है
मलप्पुरम जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ आर रेणुका ने डिस्ट्रिब्यूटर्स द्वारा नीडल के आदान-प्रदान और उनके दोबारा इस्तेमाल की पुष्टि की. राज्य में औसतन हर महीने दस से ज्यादा लोग इंजेक्शन के जरिए नशीली दवाओं के इस्तेमाल के कारण एचआईवी से पीड़ित पाए जाते हैं. नोडल अधिकारी डॉ सी शुबिन के अनुसार 2025 में अब तक मलप्पुरम जिले में दस लोगों में एचआईवी का निदान किया गया है.

यह भी पढे़ं- तमिलनाडु विधानसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया

नई दिल्ली: पिछले दो महीनों में केरल के मलप्पुरम स्थित वलनचेरी में नौ व्यक्तियों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि संक्रमण दवाओं के इंजेक्शन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दूषित नीडल के माध्यम से हुआ है.

जानकारी के मुताबिक संक्रमित लोगों में छह मलयाली और तीन प्रवासी मजदूर हैं. सबसे पहले एक व्यक्ति में एचआईवी का पता चला, जिसके बाद केरल एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने आगे की जांच की, जिससे और मामलों की पहचान हुई.

वलनचेरी एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी रहती है. रिपोर्ट के अनुसार वायरस के प्रसार के बारे में उस समय पता चला जब केरल एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने टेस्टिंग के दौरान एक व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव पाया.

एक ही सिरिंज का इस्तेमाल
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए एक ही सिरिंज के इस्तेमाल से इन नौ व्यक्तियों में एचआईवी संक्रमण फैल गया. बता दें कि यहां दवा सप्लायर्स के लिए पहले से भरी हुई सिरिंज में लोगों को दवाएं देना आम बात है. ये व्यक्ति ऐसी ही किसी सिरिंज का दोबारा इस्तेमाल कर रहे थे.

हर महीने दस से ज्यादा लोग एचआईवी से पीड़ित होते है
मलप्पुरम जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ आर रेणुका ने डिस्ट्रिब्यूटर्स द्वारा नीडल के आदान-प्रदान और उनके दोबारा इस्तेमाल की पुष्टि की. राज्य में औसतन हर महीने दस से ज्यादा लोग इंजेक्शन के जरिए नशीली दवाओं के इस्तेमाल के कारण एचआईवी से पीड़ित पाए जाते हैं. नोडल अधिकारी डॉ सी शुबिन के अनुसार 2025 में अब तक मलप्पुरम जिले में दस लोगों में एचआईवी का निदान किया गया है.

यह भी पढे़ं- तमिलनाडु विधानसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.