सहरसा: हर इंसान का कोई ना कोई सपना जरूर होता है. वो उसे पूरा करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं. महिलाएं भी चूल्हा-चौका से निकलकर देश के लिए कुछ करने का सपना संजो रही हैं, जिसका नायाब उदाहरण सहरसा की 40 से अधिक युवतियां हैं, जिनकी आंखों में वर्दी का सपना है. सभी युवतियां फिजिकल टेस्ट के लिए ग्राउंड में पसीना बहा रही हैं.
युवतियों की आंखों में देश सेवा का सपना: वर्दी का सपना संजोए 40 से अधिक युवतियों ने आरपीएफ, होमगार्ड और बिहार पुलिस की लिखित परीक्षा पास कर ली है. अब वो फिजिकल टेस्ट की तैयारी में जुटी हुई हैं. सहरसा हवाई अड्डे के मैदान में इन युवतियों का जत्था तैयारी करता रोज नजर आता है. इनमें से कई युवतियों के पिता मजदूर हैं, कुछ किसान हैं और कुछ दुकानें चलाते हैं.
''मैंने आरपीएफ की लिखित परीक्षा पास कर ली है. फरवरी में रिजल्ट आया था. इसके बाद फिजिकल टेस्ट की तैयारी को लेकर हर रोज सुबह-शाम सहरसा हवाई अड्डे के मैदान में तैयारी करते हैं''. रूपा झा, अभ्यर्थी

युवतियों ने ऑनलाइन क्लास के जरिए की पढ़ाई: इन सभी युवतियों ने घर में रहकर ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई की, जो लड़कियां कभी घर से बाहर नहीं निकलती थीं, वो आज अपने सपनों को पंख लगा रही हैं. सरकार का सहयोग मिलने से युवतियों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुई हैं. ये सभी युवतियां सरकारी नौकरी पाकर समाज सेवा करना चाहती हैं.

मेरे पिता किसान हैं. उनका सपना है कि मैं वर्दी पहंनू, इसलिए मैं अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. करिश्मा कुमारी, अभ्यर्थी

मां-बाप का सपना पूरा करना चाहती हैं रुपम: पूर्णिया जिले की रुपम कुमारी ने बताया कि वो सहरसा में किराये के मकान में रहती हैं और बिहार पुलिस के लिए हर रोज प्रैक्टिस कर रही हैं, उसका सपना है कि वर्दी पहनकर अपने मां-बाप का सपना पूरा कर सकें.

चांदनी कुमारी ने बताया कि उनके घर में कोई सरकारी सेवा में नहीं है. वो बिहार पुलिस में जाना चाहती हैं ताकि नौकरी मिलने के बाद वो परिवार की स्थिति को सुधार सके.
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