अमृतसर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए अटारी एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. पंजाब पुलिस प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण महल ने पुष्टि की कि गुरुवार को अटारी चेक पोस्ट के गेट बंद रहे, लेकिन सीमा के दोनों ओर अलग-अलग समारोह आयोजित किए गए.
मीडिया से बात करते हुए महल ने बताया कि गुरुवार को 28 पाकिस्तानी नागरिक भारत से वापस चले गए, जबकि 105 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस आ गए. अधिकारी ने कहा, "भारत सरकार ने बहुत सख्त फैसले लिए हैं. अटारी-वाघा चेक पोस्ट के गेट नहीं खोले गए और संबंधित क्षेत्रों में परेड की गई. अटारी सीमा से कुल 28 पाकिस्तानी नागरिक अपने देश चले गए और 105 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस आ गए हैं. पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ा है."

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गुरुवार को घोषणा की कि पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में रिट्रीट समारोह के दौरान औपचारिक प्रदर्शन को कम किया जाएगा.
बीएसएफ ने पोस्ट में कहा, प्रमुख बदलावों में भारतीय गार्ड कमांडर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच प्रतीकात्मक हाथ मिलाना स्थगित कर दिया जाएगा. इसके अलावा, समारोह के दौरान सीमा पर गेट बंद रहेंगे.

22 अप्रैल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन के घास मैदान में पर्यटकों पर आतंकी घातक हमले के बाद यह फैसला लिया गया. हमले में 26 लोग मारे गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए.
हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त जवाबी कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित करने का निर्णय लिया, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता है. साथ ही अटारी चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया गया है. पाकिस्तानी नागरिकों का सार्क वीजा रद्द करते हुए उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.
यह भी पढ़ें- Explained: सिंधु जल संधि क्या है... कब हुआ था समझौता, पाकिस्तान के लिए क्यों जरूरी, जानें सबकुछ