नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि महाकुंभ के दौरान विभिन्न स्टेशनों पर रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की 23 घटनाएं सामने आईं, जिसके चलते रेलवे को लगभग 3.13 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ. इस संबंध में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
DMK सांसद कनिमोझी को लिखित जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नुकसान में ट्रेन के डिब्बों के टूटे हुए दरवाजे और टूटी हुई खिड़कियां शामिल हैं. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने इन घटनाओं के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
हिंदू धार्मिक समागम के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू किए गए सुरक्षा उपायों को रेखांकित करते हुए वैष्णव ने कहा कि प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर संभावित उपद्रवियों पर नजर रखने के लिए 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिनमें से 116 फेशियल रेकेग्निशन टेक्नोलॉजी से लैस थे.
इसके अलावा प्रयागराज के रेलवे नेटवर्क में आरपीएफ और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के 15000 कर्मियों को तैनात किया गया था. साथ ही यात्रियों की आवाजाही और ट्रेन परिचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए अयोध्या, दीन दयाल उपाध्याय और पटना स्टेशनों जैसे प्रमुख ट्रांजिट प्वाइंट पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए थे.
प्रभावित यात्रियों को मुआवजा
प्रभावित यात्रियों को मुआवजा दिए जाने के सवाल का जवाब देते हुए वैष्णव ने 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ का जिक्र किया और कहा कि 33 पीड़ितों या उनके परिवारों को 2.01 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि वितरित की गई है.
10 सूत्री रणनीति
मंत्री ने कुछ रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए अपनाई गई 10 सूत्री रणनीति के बारे में भी विस्तार से बताया, जिसमें होल्डिंग एरिया की स्थापना, एक्सेस कंट्रोल उपाय, चौड़े फुट-ओवर ब्रिज, विस्तारित सीसीटीवी कवरेज, वॉर रूम का निर्माण, एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम की तैनाती, कर्मचारियों के लिए आईडी कार्ड और वर्दी की शुरुआत, स्टेशन निदेशक पद का एलिवेशन और कैपेसिटी-बेस्ड टिकट बिक्री शामिल है.
'22 ट्रेनें क्षतिग्रस्त'
इससे पहले 12 मार्च को रेल मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया था कि महाकुंभ के दौरान भीड़भाड़ के कारण 22 ट्रेनें क्षतिग्रस्त हो गईं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक विशेष ट्रेन में लगभग 3000 यात्री थे और अतिरिक्त 15000 यात्रियों को संभालने के लिए पांच ऐसी ट्रेनें तैनात की गईं.
13 जनवरी से महाकुंभ के समापन के बीच रेलवे विभाग ने अनुमानित 120-150 मिलियन तीर्थयात्रियों के परिवहन के लिए 13,667 ट्रेनें संचालित कीं. हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो में बिहार और उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर अराजक दृश्य दिखाई दिए, जहां तीर्थयात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों पर पथराव और तोड़फोड़ करते देखे गए.
'5 करोड़ से ज्यादा का नुकसान'
वहीं, 19 मार्च को लोकसभा में एक अलग जवाब में वैष्णव ने खुलासा किया कि 2023 से अब तक देश भर में वंदे भारत एक्सप्रेस समेत ट्रेनों पर पथराव की 7,900 से ज़्यादा घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे 5.79 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसके अलावा फरवरी में बिहार में एसी कोच में तोड़फोड़ के सिलसिले में 12 मामले दर्ज किए गए.
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