नई दिल्ली: दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पिछली सरकार के कामकाज को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. अब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ दिल्ली के सरकारी स्कूलों के निर्माण में भ्रष्टाचार करने का मामला दर्ज किया है.
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, पुर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ अत्यधिक लागत पर कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के संबंध में मामला दर्ज किया है. इस बाबत बीजेपी नेता हरीश खुराना ने शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के दौरान 12,748 कक्षाओं/भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये घोटाला हुआ है.
Delhi: The Anti-Corruption Branch (ACB) has registered an FIR against former Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia and former Minister Satyendar Jain in connection with alleged corruption in classroom construction projects.
— IANS (@ians_india) April 30, 2025
ACB DCP Shweta Singh Chauhan says, " around 12,000… pic.twitter.com/gWgZa9Rkv9
सीमेंट (आरसीसी) से बनी कक्षाओं की औसत लाइफ 75 होती है, इस बजट में सेमी पक्का संरचना का निर्माण किया गया, जिसकी अवधि 30 साल बताई गई है. कथित तौर पर परियोजना को आम आदमी पार्टी से जुड़े कुछ ठेकेदारों को दिया गया था. इसके बाद भी लागत में बढ़ोतरी हुई और निर्धारित समय अवधि के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ. टेंडर प्रक्रिया का पालन किए बिना सलाहकार और वास्तुकार नियुक्त किए गए और उनके माध्यम से लागत में वृद्धि की गई.
इस संबंध में केंद्रीय जांच आयोग (सीवीसी) द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक रिपोर्ट ने परियोजना में कई विसंगतियों की ओर इशारा किया था और रिपोर्ट को लगभग तीन वर्षों तक तत्कालीन सरकार पर दबाए रखने का भी आरोप लगाया गया. अब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने आम आदमी पार्टी की तत्कालीन दिल्ली सरकार के तत्कालीन मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ दिल्ली में अधिक लागत पर स्कूल कक्षाओं/भवनों के निर्माण में दो हज़ार करोड़ रुपये के बड़े घोटाले के आरोपों के संबंध में मामला दर्ज किया है.
इन्होंने दर्ज कराई थी शिकायतः इस संबंध में सबसे पहले वर्ष 2018 में प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता और अब बीजेपी विधायक हरीश खुराना, कपिल मिश्रा ने आरटीआई से प्राप्त सूचना के आधार पर शिकायत दर्ज कराई थी कि 2,892 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 12,748 स्कूल कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. दिए गए टेंडर के अनुसार, एक स्कूल कमरे के निर्माण की एकमुश्त लागत लगभग 24.86 लाख रुपये प्रति कमरा है, जबकि दिल्ली में ऐसे कमरे आमतौर पर लगभग 5 लाख रुपये प्रति कमरे में बनाए जा सकते हैं. इसके अलावा, यह आरोप लगाया गया है कि परियोजना 34 ठेकेदारों को दी गई थी, जिनमें से अधिकांश कथित तौर पर आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं.
बीजेपी नेताओं ने इस मामले को उठाया था. उसके बाद सतर्कता निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट में यह जिक्र किया था कि सरकारी स्कूलों में गत वर्षों के दौरान जो अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण हुआ है उसमें अनियमितताएं पाई गई हैं. निर्माण कार्य को जिस दर से करने की स्वीकृति मिली है, वह बाजार के निर्धारित मूल्य से बहुत अधिक है. टेंडर प्रक्रिया भी ठीक तरह से पूरी नहीं की गई.
क्या हुई थी अनियमितता व शिकायत जानें
- सतर्कता निदेशालय को 25.07.2019 को दिल्ली सरकार के स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्षों के निर्माण में अनियमितताओं और लागत में वृद्धि के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी.
- बेहतरी के नाम पर बिना निविदा बुलाए निर्माण लागत 90 फीसद तक बढ़ गई.
- दिल्ली सरकार ने बिना टेंडर के 500 करोड़ रुपये की लागत बढ़ाने की मंजूरी दी.
- जीएफआर और सीपीडब्ल्यूडी वर्क्स मैनुअल का खुला उल्लंघन.
- निर्माण की खराब गुणवत्ता और अधूरा कार्य.
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