India Aviation Sector: भारत अधिक विदेशी गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानों का हकदार- एयर इंडिया सीईओ

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Published : Jun 4, 2023, 11:55 AM IST

Updated : Jun 4, 2023, 1:38 PM IST

India Aviation Sector

एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन का मानना है कि भारत से और अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरनी चाहिए. जिसके लिए एयरलाइन बेड़े के साथ-साथ मार्गों का भी विस्तार कर रही है.

नई दिल्ली : एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन का मानना है कि भारत और अधिक गंतव्यों के लिए सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का हकदार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि घरेलू एयरलाइन उद्योग ‘स्वस्थ’ नहीं है जिसकी वजह से काफी हद तक भारत अपनी स्थिति को कायम नहीं रख सका है. विल्सन एयर इंडिया की विस्तार योजनाओं की अगुवाई कर रहे हैं. बेड़े के साथ-साथ एयरलाइन मार्गों का भी विस्तार कर रही है.

एविएशन सेक्टर में अच्छे प्रतियोगिता का माहौल
उन्होंने कहा कि इंडिगो अच्छी तरह से सफल हो रही है और टाटा की एयरलाइंस का एक साथ आना इंडिगो की ताकत के लिए एक अच्छा प्रतियोगिता प्रदान करता है. एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक विल्सन ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, ‘उम्मीद है कि इससे एक टिकाऊ और मुनाफे वाला बाजार बनाने में मदद मिलेगी. इससे एयरलाइंस नए उत्पादों में निवेश करेंगी, नेटवर्क का विस्तार करेंगी और भारत को विश्व विमानन मंच पर अपना स्थान हासिल करने में मदद मिलेगी.’

Air India
एयरोप्लेन (प्रतिकात्मक तस्वीर)

टाटा ने एयर इंडिया का किया था अधिग्रहण
टाटा समूह ने पिछले साल जनवरी में सरकार से एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण किया था. वर्तमान में समूह के पास चार एयरलाइन कंपनियां…एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया) और विस्तारा (सिंगापुर एयरलाइंस के साथ संयुक्त उद्यम) हैं. समूह एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट और विस्तारा का एयर इंडिया के साथ विलय करने की प्रक्रिया में भी है. गो फर्स्ट के संकट के बारे में पूछे जाने पर विल्सन ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

नकदी संकट से जूझ रही किफायती सेवा कंपनी गो फर्स्ट की उड़ानें 3 मई से बंद हैं. फिलहाल एयरलाइन स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया है. एयर इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि देश में कोई एयरलाइन विफल हुई है और मुझे लगता है कि यह उद्योग की ऐसी संरचना को रेखांकित करता है जो एक स्वस्थ, जीवंत, लाभदायक उद्योग के अनुकूल नहीं है.

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उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ घरेलू एयरलाइन उद्योग नहीं होने के चलते भारत कुछ मामलों में अपनी नियति को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं रहा है. भारत में आने वाली कुछ विदेशी एयरलाइंस ने भारतीय विमानन कंपनियों की तुलना में बढ़ते भारतीय बाजार का अधिक लाभ उठाया है. विल्सन ने कहा कि हम विमानों, उत्पादों, लोगों और प्रणालियों में निवेश जारी रखेंगे. हमारी एक उल्लेखनीय आकार की पेशेवर तरीके से संचालित उच्च गुणवत्ता की एयरलाइन होगी.

(पीटीआई- भाषा)

Last Updated :Jun 4, 2023, 1:38 PM IST
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