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जानें क्यों NEP के विरोध में है चंडीगढ़ एडेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन, आज करेंगे मेगा प्रदर्शन

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Published : Jun 4, 2023, 8:47 AM IST

Chandigarh Govt Colleges Teachers Association Protest

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज चंडीगढ़ एडेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनेट मीटिंग हॉल के बाहर प्रदर्शन करेंगे. (Chandigarh Govt Colleges Teachers Association Protest)

चंडीगढ़: चंडीगढ़ के सभी एडेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (CACTA) फैकल्टी सदस्यों को विश्वास में लिए बिना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के लागू करने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. ऐसे में एडेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध जताने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनेट मीटिंग हॉल के बाहर आज बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.

इसको लेकर आज सीनेट की बैठक होनी है. इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने सहित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है. इस बीच, सीएसीटीए के कार्यकारी सदस्यों ने संबद्ध कॉलेजों में नीति के अचानक लागू करने और बोर्ड ऑफ गवर्नेंस और कॉलेजों के विभिन्न संकाय सदस्यों को ध्यान में रखे बिना लागू किया जाने की बात कहीं जा रही है. वहीं, सदस्यों को कहना है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है.

सीएसीटीए के अध्यक्ष डॉ. कुलविंदर सिंह ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पंजाब यूनिवर्सिटी अधिकारियों द्वारा एनईपी 2020 को लागू करने के लिए संबद्ध कॉलेजों को अंधेरे में रखते हुए तानाशाही और पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, उन्हें इस तरह का निर्णय लेने के लिए मजबूर किया. डॉ. कुलविंदर सिंह ने कहा कि अगर पीयू के अधिकारी अचानक लिए गए फैसलों के साथ आगे बढ़ते रहे तो कॉलेजों को नई व्यवस्था अपनाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. हम अधिक आशंकित हैं कि फेरबदल या शिक्षा भार में बदलाव भी आ सकता है जिससे कॉलेजों में एक अभूतपूर्व संकट पैदा होता है.

वहीं, सीएसीटीए के सचिव डॉ. अमिताभ द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने पीयू अधिकारियों, विभिन्न निकायों के सदस्यों और सीनेटरों से कई बार अनुरोध किया कि वे कॉलेजों में प्रस्तावित करने और उन्हें लागू करने से पहले किए जा रहे परिवर्तनों पर गंभीरता से विचार करें और जांच करें. उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भावनापूर्ण निर्णय जो लिए जा रहे हैं, शिक्षण भार में समस्या पैदा कर सकते हैं और अनुचित परिणाम पैदा कर सकते हैं.

डीएवी कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. सुमित गोकलाने ने बताया कि स्थायी शिक्षकों के साथ-साथ कई एड-हॉक (अस्थायी) शिक्षक भी कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं. हम पीयू के अधिकारियों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि वे कॉलेजों में कम से कम वर्तमान सत्र के लिए एनईपी के लागू करने के निर्णय को या तो रोक दें. इस इससे तुंरत स्थगित कर दें, ताकि उन्हें हर पहलू में पूरी तरह से तैयार किया जा सके. या वे एनईपी के वास्तविक भाव और अर्थ में उचित तौर पर लागू करते हुए इन सभी श‌िक्षक संस्थानों में आने वाली चिंताओं और सुझावों पर विचार करें.

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