नई दिल्ली: भारत में वेस्टर्न और इंडियन दो तरह के शौचालयों का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, आजकल वेस्टर्न टॉयलेट का चलन काफी बढ़ गया है. ज्यादातर घरों और ऑफिस में अब वेस्टर्न टॉयलेट का ही इस्तेमाल किया जाता है. कुछ लोगों को वेस्ट्रन टॉयलेट यूज करना आरामदायक भी लगता है. इसकी एक वजह यह है कि यूज करने के बाद इसके कमोड को आसानी साफ किया जा सकता है.
वेस्टर्न टॉयलेट को यूज करने के बाद इसके कमोड को साफ करने के लिए बस फ्लश टैंक पर लगे बटन को प्रेस करना होता है. अगर आप भी वेस्टर्न टॉयलेट यूज करते हों तो आपने देखा होगा कि उसके फ्लश टैंक पर दो बटन होते हैं एक बड़ा और दूसरा छोटा.
क्या कभी सोचा है कि ये दोनों बटन क्या काम करते हैं और फ्लश टैंक पर दो बटन क्यों दिए होते हैं? कौन सा प्रेस करने से क्या होता है और अगर कोई दोनों बटन एक साथ प्रेस कर दे तो क्या होगा? अगर आप ये नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं आज हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देंगे.
फ्लश टैंक में क्यों लगे होते हैं दो बटन?
ज्यादातर लोगों इस बात को नहीं जानते हैं कि फ्लश टैंक पर दो बटन क्यों लगे होते हैं? ऐसे में कई लोग टॉयलेट यूज करने के बाद दोनों बटन दबा देते हैं. बता दें कि फ्लश टैंक पर दिए दो बटन ऐसे नहीं होते. इनका अलग-अलग काम होता है. इनको पानी की फिजूल खर्ची से बचाने के लिए लगाया जाता है. दरअसल, जब आप फ्लश का बड़ा बटन दबाते हैं तो इसमें प्रति फ्लश 6-7 लीटर पानी का इस्तेमाल होता है. छोटे बटन को प्रेस करते समय इससे कम पानी निकलता है. छोटा बटन प्रेस करने पर 3-4 लीटर पानी खर्च होता है.
दोनों बटन करते हैं अलग-अलग काम
फ्लश टैंक में लगे छोटे बटन का काम पानी की बचत करना है. अगर आप पेशाब करते हैं, तो आपको हमेशा छोटा बटन प्रेस करना चाहिए. इसके अलावा लिक्विड वेस्ट फ्लश करने के लिए भी आपको छोटा बटन दबाना चाहिए. वहीं, मल या सॉलिड वेस्ट को कमोड से फ्लश करने के लिए बड़े बटन को दबाना चाहिए. क्योंकि इसमें आपको ज्यादा पानी की जरूरत होती है.
दोनों बटन दबाने पर क्या होता है?
कई बार जल्दी में या जानकारी के अभाव में फ्लश टैंक के दोनों बटन प्रेस कर देते हैं. वहीं कुछ लोगों को लगता है कि अगर वे दोनों बटन प्रेस कर देंगे दो फ्लश से ज्यादा पानी निकलेगा और टॉयलेट एक बार में ही साफ हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आप फ्लश टैंक के दोनों बटन प्रेस करेंगे तो इस पूरा टैंक खाली हो जाएगा और इससे बटन खराब भी हो सकता है.