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क्या इंसानी दिमाग को गुलाम बनाने का प्लान हुआ फेल? न्यूरालिंक पर अपडेट - Elon Musk Neuralink

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 10, 2024, 10:39 AM IST

Neuralink- एलन मस्क का न्यूरालिंक को अपने पहले मानव रोगी, नोलैंड आर्बॉघ में ट्रांसप्लांट के साथ एक समस्या का सामना करना पड़ा, जिससे उसके ब्रेन से कैप्चर किए जा सकने वाले डेटा की मात्रा कम हो गई है. पढ़ें पूरी खबर...

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Etv Bharat (IANS And Canva)

नई दिल्ली: नुएरालिंक ने एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस या बीसीआई का निर्माण किया, जिसका उद्देश्य पैरालिसिस से पीड़ित रोगियों को उनके दिमाग से बाहरी तकनीक को नियंत्रित करने में मदद करना है. एलन मस्क के न्यूरालिंक ने इस साल जनवरी में नोलैंड आर्बॉघ नाम के 29 वर्षीय व्यक्ति पर ब्रेन चिप का पहला मानव टेस्टिंग शुरू किया. कंपनी का सिस्टम, जिसे लिंक कहा जाता है, 64 थ्रेड्स में 1,024 इलेक्ट्रोड का यूज करके नर्व साइन को रिकॉर्ड करता है जो मानव बाल से भी पतले होते हैं. कंपनी के ब्लॉगपोस्ट के मुताबिक, ब्रेन चिप के कुछ हिस्सों में पहली बार खराबी आई है.

कंपनी ने खुलासा किया कि इंसान की खोपड़ी में न्यूरालिंक के पहले चिप ट्रांसप्लांट को एक बड़ा झटका लगा, क्योंकि डिवाइस मरीज के ब्रेन से अलग होने लगी. नोलैंड आर्बॉघ ब्रेन के में न्यूरालिंक चिप जोड़ने के लिए फरवरी में सर्जरी की गई थी. ट्रांसप्लांट के बाद एक महीने के भीतर डिवाइस की कार्यक्षमता कम हो गई क्योंकि स्मॉल कंप्यूटर को ब्रेन से जोड़ने वाले डिवाइस के धागे पीछे हटने लगे.

न्यूरालिंक ब्रेन इम्प्लांट में रुकावट का कारण क्या है?
न्यूरालिंक ने यह साझा नहीं किया है कि डिवाइस नोलैंड अरबो के मस्तिष्क से आंशिक रूप से क्यों हट गया. कंपनी ने कहा कि उसके इंजीनियरों ने इम्प्लांट को रिफाइंड किया और मरीज के लिए वर्किंग कैपेसिटी बहाल की.

क्या नोलन आर्बॉघ खतरे में है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कम हुई क्षमताओं से नोलन अरबॉ को कोई खतरा नहीं है क्योंकि वह अभी भी अपने विचारों का यूज करके कंप्यूटर पर शतरंज का खेल खेलने में सक्षम होंगे.

क्या न्यूरालिंक पहले से ही जांच के दायरे में है?
कंपनी ने अपना पहला मानव ट्रांसप्लांट करने से पहले, भेड़, सूअर और बंदरों सहित जानवरों पर वर्षों तक बड़े पैमाने पर यूज किया, जिसके बाद नियामकों ने उन पशु परीक्षण प्रयोगशालाओं में कंपनी की प्रथाओं की जांच शुरू की है.

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