लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए निर्वाचन आयोग ने देशभर में आचार संहिता लागू की है. इस दौरान कर्मचारियों से ट्रांसफर के लिए विकल्प मांगना रोडवेज के सर्विस मैनेजर को महंगा पड़ गया. 14 मई 2024 को अयोध्या के सेवा प्रबंधक की तरफ से ट्रांसफर के सिलसिले में जारी किए पत्र को निर्वाचन आयोग ने संज्ञान में लिया है. अब जल्द ही परिवहन निगम प्रशासन को निर्वाचन आयोग नोटिस जारी कर जवाब तलब करेगा.
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार चुनाव की आदर्श आचार संहिता के दौरान किसी कर्मचारी का न स्थानांतरण किया जा सकता है और न ही इसकी कार्रवाई शुरू की जा सकती है. अगर ऐसा करना आवश्यक है तो भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी होती है. बिना अनुमति ऐसी प्रक्रिया आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आती है. इसके बावजूद अयोध्या क्षेत्र के सेवा प्रबंधक नीरज सोनकर ने 14 मई को क्षेत्र के सभी सीनियर फोरमैन, जूनियर फोरमैन, मैकेनिक और सभी विद्युत कर को क्षेत्र के अंतर्गत स्थानांतरण के लिए विकल्प दिए जाने के लिए पत्र जारी कर दिया.
27 मई तक की स्थल के विकल्प की डिमांड : सेवा प्रबंधक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि क्षेत्र में स्थानांतरित किए जाने के लिए तीन विकल्पों की जरूरत है. 27 मई तक अपने विकल्प कार्यालय को भेजें. सोशल मीडिया पर यह पत्र वायरल होने के बाद निगम में चर्चा शुरू हो गई. परिवहन निगम के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) अजीत सिंह ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के दौरान स्थानांतरण संबंधी प्रक्रिया नहीं शुरू की जा सकती है. मामला आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आएगा. संबंधित पर कार्रवाई की जा सकती है.