प्रयागराज: जिले में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में है, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है, जो 9 मई तक चलेगा. वहीं, नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन इलाहाबाद लोकसभा सीट से सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार उज्ज्वल रमण सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नाकामयाबियों, बेरोजगारी, मंहगाई समेत जन समस्याओं को लेकर वो चुनाव मैदान में उतरे हैं और जनता उन्हें भारी बहुमत से विजयी बनाएगी.
नामांकन दाखिल करने से पहले उज्जवल रमण सिंह ने मंदिर में दर्शन पूजन कर भगवान से जीत का आशीर्वाद भी मांगा है, जिसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंच कर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. उज्ज्वल रमण सिंह के नामांकन के दौरान कांग्रेस और सपा के कई नेता मौजूद थे. बता दें कि उज्जवल रमण सिंह 2004 से 2007 तक तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. जबकि अखिलेश यादव सरकार में भी दर्जा प्राप्त मंत्री रहे हैं.
भाजपा से है सीधा मुकाबला
इलाहाबाद संसदीय सीट से उज्ज्वल रमण सिंह का मुकाबला पूर्व राज्यपाल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे भाजपा कैंडिडेट नीरज त्रिपाठी से है. नामांकन के बाद उज्जवल रमण सिंह ने कहा है कि पार्टी ने उन पर जो भरोसा जताया है, वह उस पर वह पूरी तरह से खरा उतरने की कोशिश करेंगे. वह क्षेत्रीय मुद्दों और समस्याओं को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 10 सालों से इलाहाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी के सांसद का कब्जा हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है. प्रयागराज के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ हुआ है और किसी ने आवाज नहीं उठाई. उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकारें हैं, लेकिन नैनी इंडस्ट्रियल एरिया में कोई भी नया कल-कारखाना नहीं लगा है. बल्कि जो उद्योग पहले से लगे थे वह भी बंदी की कगार पर पहुंच चुके हैं.
जन समस्याओं को जनता के बीच उठाएंगे
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में रोजगार के लिए कारखाने लगने चाहिए और जाम से मुक्ति के लिए मेट्रो का भी निर्माण होना चाहिए. यमुना पार के ग्रामीण क्षेत्रों में लिफ्ट कैनाल के माध्यम से सिंचाई की योजनाएं बननी चाहिए. इसके साथ ही यमुना पार के पठारी क्षेत्रों में पेयजल संकट दूर करने के लिए पेयजल योजना पहुंचनी चाहिए. अगर इलाहाबाद संसदीय सीट की जनता उन्हें मौका देती है तो इन तमाम मुद्दों को लेकर सड़क से संसद तक आवाज उठाएंगे.