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शिक्षा नगरी में दम तोड़ रहे 'भविष्य के सपने', पिछले 48 घंटों में 2 बच्चों ने दी जान, एक ने लिखा "मुझसे नहीं हो पाएगा" - Students Suicide in kota

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 30, 2024, 7:15 PM IST

Updated : Apr 30, 2024, 10:17 PM IST

Students Suicide in kota
Students Suicide in kota

कोटा में तैयारी करने के लिए पहुंचने वाले कई बच्चे सपनों की मंजिल मिलने से पहले ही मौत को गले लगा रहे हैं. शिक्षा नगरी कोटा में सुसाइड के मामलों पर रोकथाम लगाने के लिए राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन कई कवायद कर चुका है, लेकिन आत्महत्या के मामले फिर भी सामने आ रहे हैं. पिछले 48 घंटे में ही 2 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है. यह सभी विद्यार्थी मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोटा आए थे.

कोटा में पिछले 48 घटों में 2 बच्चों ने दी जान

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा लाखों बच्चों के लिए एक सपनों का शहर है, यह हजारों मां-बाप की उम्मीदों का भी शहर है. एक ऐसा शहर जहां हर साल हजारों बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना लेकर आते हैं. यहां पढ़ाई की प्रतिस्पर्धा के बीच जीवन के सपनों को आकार देने के लिए जहां बच्चे जी तोड़ मेहनत करते हैं, वहीं माता-पिता की उम्मीदें भी होने वाली परीक्षाओं के परिणाम पर टिक जाती हैं. डॉक्टर-इंजीनियर बनने की इस रेस में कई छात्र तो सफलता के मुकाम पर पहुंचकर खिलखिला रहे होते हैं तो कई छात्र ऐसे भी हैं, जो कि लाख कोशिशों के बावजूद भी मुकाम को छू नहीं पाते. उम्मीदों और कोशिशों की इस जुगलबंदी के बीच कई बच्चे हिम्मत हार जाते हैं और मौत को गले लगा लेते हैं.

कोटा में आए दिन होने वाली आत्महत्याओं के कई कारण सामने आते हैं, इन्हीं में से एक कारण माता-पिता की जरूरत से ज्यादा उम्मीदें और परीक्षा में अव्वल आने की चाहत भी है. पिछले 48 घंटे में इस सपनों के शहर में दो चिराग बुझ गए हैं. ताजा मामला धौलपुर जिले के परीक्षार्थी का सामने आया है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी कर रहे छात्र ने मौत को गले लगा लिया. उसकी उम्र मात्र 20 साल थी. इस साल कोटा से बच्चों के सुसाइड की ये 8वीं खबर है. इससे पहले हरियाणा के छात्र ने आत्महत्या की थी. जनवरी से अब तक 8 बच्चों ने यहां आत्महत्या की है. मंगलवार को छात्र के आत्महत्या के मामले में सब इंस्पेक्टर गोपाल लाल बैरवा बताया कि बीते एक साल से मामा और भांजे दोनों मिलकर तलवंडी के एक पीजी में एक साथ रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. मामा भरत (20) धौलपुर के डिंडोली का रहने वाला है. उसका भांजा रोहित (17) भी उसके साथ रह रहा था. रोहित आज सुबह 10:30 बजे सैलून के लिए घर से निकला था. जब वह वापस रूम पर पहुंचा, तब उसने देखा कि भरत अब इस दुनिया में नहीं है. उसकी गैरमौजूदगी में भरत ने आत्यहत्या कर ली. रूम में एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिस पर लिखा हुआ था "मुझसे नहीं हो पाएगा".

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10 सालों में 148 छात्रों ने की आत्महत्या : कोटा से आ रही लगातार सुसाइड की खबरें दिल को झकझोर देती हैं. कई छात्रों ने सुसाइड नोट में ये तक लिख दिया कि "मुझसे नहीं हो पाएगा." जरा सोचिए कैसी मनोदशा रही होगी कि खौफनाक कदम उठा लिया. पिछले कुछ दिनों में हुई आत्महत्या की घटना में सामने आया कि किसी के नंबर कम आए थे. किसी का पेपर अच्छा नहीं गया था. कोई फेल हो गया था, जिसके बाद छात्रों ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. कोटा में पिछले एक दशक की बात करें तो 2014 से अब तक कुल 148 बच्चों ने आत्महत्या की है.

Last Updated :Apr 30, 2024, 10:17 PM IST
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